ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मानवता विरोधी अपराध के मामले में अब फैसला 17 नवंबर को आने वाला है। ‘अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण’ इस दिन अपना निर्णय सुनाएगा। फैसले से पहले ही देशभर में तनाव और अस्थिरता का माहौल है। राजधानी ढाका में सुरक्षा को लेकर सख्त इंतजाम किए गए हैं और कई क्षेत्रों में लॉकडाउन जैसे हालात बन गए हैं।
ढाका में सेना और पुलिस की तैनाती
पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी अवामी लीग ने गुरुवार को बंद का आह्वान किया है, जिसके चलते राजधानी समेत कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। एहतियातन सरकार ने सेना, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) और दंगा रोधी पुलिस बल को सड़कों पर उतार दिया है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बेहद सीमित है और बाजार लगभग बंद हैं। कई शैक्षणिक संस्थानों और निजी दफ्तरों ने अपनी कक्षाएं और कामकाज ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित कर दिए हैं।
कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ढाका, मुंशीगंज, तंगाइल और गोपालगंज जैसे इलाकों में अज्ञात लोगों ने पांच खाली बसों में आग लगा दी। इन घटनाओं के बाद पुलिस ने संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है और राजधानी में अतिरिक्त बल की तैनाती कर दी गई है।
हसीना के खिलाफ मौत की सजा की मांग
मानवता के खिलाफ अपराध के इस मामले में अभियोजन पक्ष ने शेख हसीना के लिए मौत की सजा की मांग की है। इसी केस में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान और पूर्व पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला अल मनुन भी आरोपी हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने पिछले वर्ष छात्र आंदोलन को बलपूर्वक दबाने की कोशिश की थी। इसी विरोध आंदोलन के बाद शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था और वे देश छोड़कर भारत चली गई थीं।
हसीना ने कहा—यह राजनीतिक साजिश है
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ यह पूरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और न्यायाधिकरण निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहा है। हसीना ने इसे विपक्ष द्वारा रची गई साजिश करार दिया है।