बैंकॉक। थाईलैंड की संविधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा को पद से हटा दिया है। उन पर कंबोडियाई नेता के साथ फोन पर बातचीत के दौरान नैतिकता संबंधी संविधानिक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था। जुलाई में ही अदालत ने शिनावात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित किया था और उनकी जगह उप-प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई को प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी।

अब अदालत के अंतिम फैसले के बाद शिनावात्रा का कार्यकाल पूरी तरह समाप्त हो गया है। नए प्रधानमंत्री के चयन तक फुमथम वेचायाचाई कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभालेंगे। कार्यवाहक मंत्रिमंडल संसद को भंग कर नए चुनाव कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकता है।

ऑडियो लीक और विरोध प्रदर्शन
प्रधानमंत्री शिनावात्रा की कंबोडिया के पूर्व पीएम हुन सेन के साथ हुई फोन बातचीत का ऑडियो लीक होने के बाद देश में राजनीतिक संकट उत्पन्न हुआ। बातचीत में शिनावात्रा ने कथित तौर पर थाई सेना के कमांडरों को विरोधी और हुन सेन को “अंकल” कहकर संबोधित किया। इसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग उठने लगी।

पृष्ठभूमि: सीमा विवाद और विवादित बातचीत
8 मई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद के दौरान हिंसक झड़प हुई थी। तनाव को कम करने के लिए शिनावात्रा ने हुन सेन से फोन पर चर्चा की और सीमा पर लगे प्रतिबंध हटाने पर विचार किया। हालांकि इस बातचीत को लेकर थाईलैंड में राजनीतिक विरोध भड़क गया। दक्षिणपंथी पार्टियों ने इसे देश की कमजोरी बताया और सरकार की सहयोगी पार्टी ने समर्थन वापस ले लिया, जिससे शिनावात्रा को पद छोड़ना पड़ा।