नई दिल्ली। नेपाल में हाल ही में हुए 35 घंटे लंबे सरकार विरोधी आंदोलन के बाद आम जनता ने मजबूत और दूरदर्शी नेतृत्व की मांग उठाई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश को ऐसे नेता की जरूरत है जो व्यक्तिगत या दलगत स्वार्थ से ऊपर उठकर नेपाल के विकास को प्राथमिकता दे सके।
लोगों का मानना है कि बीते वर्षों में भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो बदलाव देखने को मिले, वैसा ही सशक्त नेतृत्व नेपाल को भी आगे बढ़ा सकता है। कई युवाओं का सुझाव है कि निकट भविष्य में अल्पकालीन सरकार बनाई जाए और उसके बाद पारदर्शी चुनाव कराए जाएं।
कुछ युवाओं ने कहा कि नेपाल को ऐसे प्रधानमंत्री की आवश्यकता है, जो देश को एकजुट रख सके और असल मुद्दों पर सभी दलों को साथ बैठाकर समाधान खोजे। उनका मानना है कि यदि नेपाल को तकनीकी और आर्थिक रूप से आगे बढ़ना है तो युवा और ऊर्जावान नेतृत्व सामने आना चाहिए।
इस दौरान कुछ राजनीतिक हस्तियों को लेकर आलोचना भी सामने आई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सुशीला कार्की जैसे नाम देश के लिए उपयुक्त नहीं हैं, क्योंकि उन पर विवादों और घोटालों के आरोप लगते रहे हैं। वहीं, बालेंद्र शाह, कुलमान घिसिंग और गोपी हमाल जैसे नेताओं को बेहतर विकल्प बताया गया।