अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने दावा किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की करीबी अब अतीत की बात हो गई है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ व्यक्तिगत स्तर पर अच्छे संबंध किसी भी देश को उनकी नीतियों के नकारात्मक असर से नहीं बचा सकते।
ब्रिटिश मीडिया पोर्टल एलबीसी को दिए एक साक्षात्कार में बोल्टन ने कहा कि ट्रंप वैश्विक कूटनीति को सिर्फ नेताओं के साथ अपनी व्यक्तिगत दोस्ती के नजरिए से देखते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि ट्रंप की पुतिन से नजदीकी है तो वे मान लेते हैं कि अमेरिका-रूस संबंध भी मजबूत हैं, जबकि वास्तविकता अलग होती है। इसी तरह, मोदी और ट्रंप की मजबूत दोस्ती भी अब कमजोर पड़ चुकी है।
बोल्टन ने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन की नीतियों ने भारत-अमेरिका संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया है। विशेषकर, रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर लगाए गए टैरिफ ने दोनों देशों के बीच खटास बढ़ा दी और नई दिल्ली को रूस व चीन के करीब ला दिया।
उनके अनुसार, अमेरिका ने लंबे समय तक कोशिश की कि भारत अपनी रूस-समर्थक छवि से बाहर आए और चीन को प्रमुख सुरक्षा चुनौती के रूप में देखे, लेकिन ट्रंप की नीतियों ने इस प्रयास को नाकाम कर दिया।
बोल्टन ने यह भी कहा कि चीन ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए खुद को अमेरिका के विकल्प के तौर पर भारत के सामने प्रस्तुत किया है। उन्होंने माना कि हालात सुधारे जा सकते हैं, लेकिन फिलहाल भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए यह बेहद कठिन दौर है।