वॉशिंगटन/मॉस्को: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को लेकर टेलीफोन पर लगभग 50 मिनट तक गंभीर बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन में पिछले तीन वर्षों से जारी संघर्ष और ईरान-इस्राइल तनाव पर गहन विचार-विमर्श किया।
क्रेमलिन के वरिष्ठ अधिकारी यूरी उशाकोव के अनुसार, ट्रंप ने पश्चिम एशिया की स्थिति को "बेहद गंभीर" बताया। उन्होंने विशेष रूप से ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते टकराव को लेकर चिंता जताई। पुतिन ने इस दौरान ट्रंप को ईरानी और इस्राइली नेतृत्व से हुई अपनी हालिया बातचीत की जानकारी दी और दोनों देशों के बीच परमाणु मुद्दे पर समाधान की संभावनाएं भी साझा कीं।
परमाणु मुद्दे पर फिर शुरू हो सकती है बातचीत
ट्रंप और पुतिन के बीच हुई इस वार्ता में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर फिर से वार्ता शुरू करने की संभावना पर भी चर्चा हुई। उशाकोव ने कहा कि क्षेत्रीय अस्थिरता को देखते हुए दोनों नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे पर फिर से संवाद शुरू करना आवश्यक हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ने की गुंजाइश अब भी बची है।
यूक्रेन संघर्ष और शांति प्रयासों पर चर्चा
पुतिन ने बातचीत के दौरान ट्रंप को इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच हुई शांति वार्ता और उससे जुड़े समझौतों के कार्यान्वयन की जानकारी दी। इनमें युद्धबंदियों के आदान-प्रदान जैसे मुद्दे भी शामिल थे।
इस्राइल-ईरान तनाव पर पुतिन की आलोचना, ट्रंप से नेतन्याहू को समर्थन
स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, पुतिन ने इस्राइल द्वारा ईरान पर किए जा रहे सैन्य अभियानों की आलोचना की और इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए घातक बताया। वहीं, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उनकी नीति को पूरा समर्थन दिया है।