वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि अमेरिका रूस से रसायन और उर्वरक आयात करता है। व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान जब उनसे यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने इससे किनारा कर लिया और कहा, “मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं है, हमें इसकी जांच करनी होगी।”
यह सवाल उस समय उठाया गया जब भारत ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, कृषि उत्पादों और रसायन उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड सहित अन्य रसायनों का आयात करता है।
ट्रंप की यह प्रतिक्रिया उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका, भारत पर भारी टैरिफ लगाएगा क्योंकि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है और उसे मुनाफे के साथ वैश्विक बाजार में बेच रहा है। ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया था कि भारत को इस बात की परवाह नहीं कि रूस की सैन्य कार्रवाई के चलते यूक्रेन में कितने लोगों की जान जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मैं अमेरिका को भारत द्वारा दिए जा रहे शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि करूंगा। इस पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद।”
भारत ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे अनुचित और असंतुलित बताया। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रूस से ऊर्जा आयात भारत की आर्थिक और ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि यूक्रेन संघर्ष के चलते जब परंपरागत आपूर्ति शृंखलाएं बाधित हुईं और यूरोप की ओर स्थानांतरित हो गईं, उस समय अमेरिका ने खुद भारत को रूसी तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता बनी रहे।
भारत ने दोहराया कि उसकी प्राथमिकता देश के उपभोक्ताओं के लिए सुलभ और अनुमानित ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है। विदेश मंत्रालय का यह भी कहना था कि भारत की आलोचना करने वाले कई देश खुद रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं, जबकि भारत के पास ऐसा करने की स्पष्ट आवश्यकता रही है, उनके पास यह विवशता नहीं है।