अलास्का बैठक से पहले ट्रंप की धमकी, ‘पुतिन नहीं माने तो भुगतने होंगे गंभीर नतीजे’


अलास्का में होने वाली वार्ता से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सख्त संदेश दिया। ट्रंप ने कहा, “अगर पुतिन शांति वार्ता में गंभीरता नहीं दिखाते, तो उन्हें भारी आर्थिक परिणाम भुगतने होंगे। यह मैं अपने लिए नहीं, बल्कि हजारों जानें बचाने के लिए कर रहा हूं।”

पुतिन की महत्वाकांक्षा पर ट्रंप का दावा
ट्रंप ने आरोप लगाया कि पुतिन पूरे यूक्रेन पर कब्जा करना चाहते थे। “अगर मैं राष्ट्रपति न होता, तो आज तक वे पूरा यूक्रेन अपने कब्जे में कर चुके होते,” उन्होंने कहा। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वे यूक्रेन के लिए बातचीत करने नहीं आए, बल्कि यह निर्णय खुद यूक्रेन को करना चाहिए।

रूस का रुख—मजबूत तर्क और साफ एजेंडा
वार्ता से पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस के पास ठोस तर्क और स्पष्ट रुख है। उन्होंने ट्रंप की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया जिसमें वार्ता की सफलता की संभावना 25% बताई गई थी। लावरोव के अनुसार, बैठक की तैयारियां ट्रंप के विशेष दूत ने पहले से की थीं और उन्हें उम्मीद है कि वार्ता का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

बैठक का एजेंडा और स्थान
ट्रंप और पुतिन की मुलाकात अलास्का के एंकरेज स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे जॉइंट बेस एल्मेंडोर्फ-रिचर्डसन में स्थानीय समयानुसार सुबह 11:30 बजे होगी। रूस की ओर से विदेश, रक्षा और वित्त मंत्री सहित शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की संरचना फिलहाल स्पष्ट नहीं है।

जेलेंस्की और यूरोपीय नेता अनुपस्थित
इस बैठक में न तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की शामिल होंगे और न ही यूरोपीय नेता। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि जेलेंस्की तीन साल से राष्ट्रपति हैं, लेकिन युद्ध समाप्त करने में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।

अलास्का का चयन क्यों हुआ?
अमेरिकी मुख्य भूमि के उत्तर-पश्चिम में स्थित अलास्का रूस के सबसे नजदीकी क्षेत्र में आता है। इतिहास में यह कभी रूसी साम्राज्य का हिस्सा था, जिसे 1867 में अमेरिका ने 7.2 मिलियन डॉलर में खरीदा था। यहां आज भी रूसी सांस्कृतिक प्रभाव मौजूद है, जिसमें चर्च और पारंपरिक नाम शामिल हैं।

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