गाजा में जारी संघर्ष के विरोध में तुर्की ने इजरायल के साथ सभी आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध समाप्त करने का ऐलान किया है। तुर्की ने इजरायली जहाज़ों के अपने बंदरगाहों में प्रवेश और इजरायली विमानों के लिए हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम अब तक गाजा युद्ध के खिलाफ तुर्की की सबसे कड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
विदेश मंत्री हाकन फिदान ने संसद के विशेष सत्र में कहा कि तुर्की अब इजरायल से किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो इजरायली जहाज तुर्की के बंदरगाहों पर आ पाएंगे और न ही तुर्की के जहाज इजरायल जा सकेंगे। साथ ही, इजरायली विमानों के लिए हवाई क्षेत्र भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
फिदान ने आरोप लगाया कि इजरायल गाजा में “नरसंहार” कर रहा है और मानवीय मूल्यों की अनदेखी कर रहा है। उनके मुताबिक, इजरायल की नीतियां गाजा के अलावा वेस्ट बैंक, यरुशलम और अन्य पड़ोसी क्षेत्रों में भी अस्थिरता फैला रही हैं।
पिछले साल से बिगड़े रिश्ते
गाजा संघर्ष शुरू होने के बाद से ही अंकारा और तेल अवीव के रिश्ते लगातार बिगड़ते रहे हैं। राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन पहले ही प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तुलना हिटलर से कर चुके हैं। 2023 में दोनों देशों के बीच लगभग 7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था, लेकिन मानवीय सहायता और युद्धविराम की शर्तों के चलते तुर्की ने प्रत्यक्ष व्यापार पर रोक लगा दी थी।
बंदरगाह और हवाई क्षेत्र पर कड़ा नियंत्रण
तुर्की के नए नियमों के तहत अब बंदरगाहों में किसी भी जहाज को यह साबित करना होगा कि उसका इजरायल से कोई संबंध नहीं है और वह हथियार या संवेदनशील सामग्री नहीं ले जा रहा है। हवाई क्षेत्र बंद होने से इजरायल से जॉर्जिया और अज़रबैजान जाने वाली उड़ानों का समय बढ़ गया है। पिछले साल भी तुर्की ने इजरायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग के विमान को अपने आकाश से गुजरने की अनुमति नहीं दी थी।
गाजा में मानवीय संकट
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में 63 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों घायल हैं। हजारों लोग लापता बताए जा रहे हैं और भुखमरी भी गहराती जा रही है। तुर्की ने इजरायल पर “भुखमरी को हथियार” की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर सक्रिय तुर्की
अंकारा ने संयुक्त राष्ट्र में 52 देशों के साथ मिलकर हथियारों की आपूर्ति रोकने की पहल की है और दक्षिण अफ्रीका के साथ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में नरसंहार के मामले में भी पक्ष लिया है। तुर्की की संसद के अध्यक्ष ने संयुक्त राष्ट्र से इजरायल की सदस्यता निलंबित करने तक की मांग कर दी है।
1997 से जारी मुक्त व्यापार समझौता अब पूरी तरह समाप्त हो चुका है। वहीं, इजरायल की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी ZIM ने कहा है कि तुर्की के नए फैसलों से उसके वित्तीय और कारोबारी नतीजों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।