अबू धाबी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के संघीय पहचान, नागरिकता, सीमा शुल्क और बंदरगाह सुरक्षा प्राधिकरण (ICP) ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया है, जिनमें कुछ खास देशों के नागरिकों को आजीवन गोल्डन वीजा दिए जाने का दावा किया गया था।

आईसीपी ने मंगलवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया कि गोल्डन वीज़ा से संबंधित श्रेणियां, पात्रता शर्तें और प्रक्रिया कानूनी प्रावधानों, मंत्रिस्तरीय आदेशों और औपचारिक नियमों के तहत तय होती हैं। प्राधिकरण ने उन रिपोर्टों को भ्रामक बताया, जिनमें नामांकन प्रक्रिया को वीज़ा प्राप्त करने का सीधा माध्यम करार दिया गया था।

गलतफहमियों पर लगाया विराम

आईसीपी का कहना है कि कुछ लोगों ने नामांकन प्रक्रिया की गलत व्याख्या करते हुए यह मान लिया कि इसके ज़रिए वीज़ा पाना आसान हो गया है, जबकि वास्तविकता इससे अलग है। गोल्डन वीज़ा केवल उन्हीं व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं, जो तय मानदंडों को पूरा करते हैं।

नई वीज़ा नीतियों को लेकर आई थीं खबरें

इससे पहले कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने दावा किया था कि यूएई, अपनी अर्थव्यवस्था को तेल-निर्भरता से दूर कर नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वीजा नीतियों में बड़े बदलाव कर रहा है। रिपोर्टों में कहा गया था कि देश निवेशकों, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, खिलाड़ियों और मेधावी छात्रों को दीर्घकालिक वीजा प्रदान करने पर विचार कर रहा है।

हालांकि, आईसीपी ने दोहराया कि किसी भी बदलाव की जानकारी केवल अधिकृत माध्यमों से ही दी जाती है और नागरिकों को अफवाहों से बचने की सलाह दी गई है।