अमेरिका और मेक्सिको ने तिजुआना नदी में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने और उसकी सफाई के लिए एक संयुक्त समझौता किया है। इस पहल के तहत दोनों देश जल शोधन संयंत्रों के विस्तार के साथ-साथ तकनीकी और वित्तीय सहयोग करेंगे। सीमा पर बहने वाली यह नदी लंबे समय से गंदगी और जहरीले अपशिष्ट से जूझ रही है। हालांकि अब तक इसे स्वच्छ बनाने के तमाम प्रयास अपेक्षित सफलता नहीं दिला पाए हैं।
तिजुआना नदी का पानी बहते हुए कैलिफोर्निया के समुद्र में जाकर मिलता है, जिससे समुद्र तटों पर प्रदूषण फैल रहा है। इसी कारण बीते चार वर्षों में कई बार इन तटों को सार्वजनिक उपयोग के लिए बंद करना पड़ा है।
दशकों से चली आ रही चुनौती
तिजुआना नदी में हर साल अरबों गैलन सीवेज और औद्योगिक कचरा बहता है, जो पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है। दक्षिण कैलिफोर्निया स्थित अमेरिकी नौसेना के सील्स को भी प्रशिक्षण के दौरान नदी के प्रदूषण के कारण बीमारियों का सामना करना पड़ा है। अब तक इस नदी की सफाई पर अरबों डॉलर खर्च हो चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
गुरुवार को अमेरिका की पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी (EPA) के प्रमुख ली जेल्डिन और मेक्सिको की पर्यावरण मंत्री एलिसिया बारसेना ने नदी की सफाई को लेकर नई सहमति पर दस्तखत किए। इस अनुबंध के तहत मेक्सिको सरकार 90 मिलियन डॉलर (लगभग 9 करोड़ डॉलर) की रकम बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च करेगी।
2027 तक सफाई का लक्ष्य, फिर भी चिंता कायम
वर्ष 2020 से अब तक दोनों देशों की सरकारें तिजुआना नदी की सफाई के लिए 650 मिलियन डॉलर (लगभग 65 करोड़ डॉलर) से अधिक खर्च कर चुकी हैं। अब लक्ष्य है कि 2027 तक इस नदी को काफी हद तक स्वच्छ किया जा सके।
करीब 195 किलोमीटर लंबी यह नदी मेक्सिको से शुरू होकर अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया क्षेत्र से गुजरती है और फिर प्रशांत महासागर में मिल जाती है। इस जलधारा के प्रदूषित होने से तैराकों, सर्फर्स और लाइफगार्ड्स सहित समुद्र के संपर्क में आने वाले कई लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
चिंता की बात यह है कि केवल पानी में उतरने वाले ही नहीं, बल्कि तट के आसपास रहने वाले स्कूली बच्चे, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और स्थानीय निवासी भी बीमार हो रहे हैं। इसके पीछे प्रदूषित झाग का हवा में उड़ना और लोगों की सांस के जरिए शरीर में जाना बताया जा रहा है, जिससे बिना संपर्क में आए भी लोग प्रभावित हो रहे हैं।