फ्रांस में बुधवार को पेरिस समेत कई शहरों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन भड़क उठे। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया और सार्वजनिक संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया। जगह-जगह हुई आगजनी से माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। यह प्रदर्शन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ दबाव बनाने और बार-बार प्रधानमंत्री बदले जाने के विरोध में किया गया।
लोग इस बात से नाराज हैं कि पिछले एक साल में फ्रांस को चौथे प्रधानमंत्री का सामना करना पड़ा है। नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति को लेकर असंतोष का आलम सड़कों पर दिखा। गृह मंत्री ने बताया कि देशभर में हुए प्रदर्शनों के दौरान शुरुआती घंटों में करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
हालांकि, आंदोलन की शुरुआत सुस्त रही और लोग ऑनलाइन मंचों पर ही सक्रिय रहे। सोशल मीडिया पर हैशटैग तेजी से ट्रेंड करने लगा। दोपहर होते-होते प्रदर्शन उग्र हो गए। सरकार ने 80,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी, बावजूद इसके प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर बेकाबू हो गए।
गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ के मुताबिक, पश्चिमी शहर रेनेस में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं, दक्षिण-पश्चिम में बिजली लाइन को नुकसान पहुंचने से एक रेलमार्ग पर ट्रेनें ठप हो गईं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर विद्रोह का माहौल बनाने का आरोप लगाया।
इस बीच, राष्ट्रपति मैक्रों ने रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू (39) को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। फ्रांस्वा बायरू के इस्तीफे के बाद यह फैसला लिया गया। बीते एक साल में यह देश का चौथा प्रधानमंत्री है, जिससे जनता में असंतोष गहराता जा रहा है।