यमन की राजधानी सना की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को लेकर एक अहम खबर सामने आई है। ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और ईसाई धर्म प्रचारक डॉ. केए पॉल ने दावा किया है कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा को यमनी अधिकारियों ने निरस्त कर दिया है। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यमन सरकार का आभार जताया है।
वीडियो में डॉ. पॉल ने कहा कि यमन के कई शीर्ष नेताओं ने इस मामले में बीते दस दिनों तक अथक प्रयास किए। उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा से निमिषा को शीघ्र ही जेल से रिहा किया जाएगा और भारत वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने पीएम मोदी का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया कि सरकार ने निमिषा की वापसी के लिए राजनयिक कदम उठाए हैं।
क्यों लगी थी निमिषा प्रिया पर मौत की सजा?
केरल के पलक्कड़ की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया वर्ष 2008 में नौकरी के सिलसिले में यमन गई थीं। वहां अस्पतालों में काम करने के बाद उन्होंने 2015 में यमन निवासी तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक खोला था। 2017 में महदी का शव एक पानी की टंकी में मिलने के बाद हत्या के आरोप में निमिषा को गिरफ्तार किया गया।
आरोप था कि निमिषा ने महदी को नींद की दवा देकर मार दिया और शव को छिपाने की कोशिश की। जबकि, बचाव पक्ष का कहना था कि महदी ने निमिषा का उत्पीड़न किया था और उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था। 2020 में सना की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी जिसे 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा।
इस मामले को लेकर लंबे समय से भारत में सामाजिक संगठनों द्वारा राहत की मांग की जा रही थी। अब डॉ. पॉल के दावे से इस प्रकरण में नई उम्मीद जगी है।