इसकी जांच यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने शुरू करवा दी है। जांच में दोषी पाए जाने पर फेसबुक पर सैकड़ों करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है, वहीं उसे अपना कारोबार मॉडल भी बदलना पड़ सकता है। यूरोपीय आयोग और ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धा व बाजार प्राधिकरण की जांच में यह देखा जा रहा है कि क्या विज्ञापनदाताओं से मिले डाटा का फेसबुक ने प्रतियोगिता के लिए अपने फायदे में इस्तेमाल किया ?
क्या वह अपने ही विज्ञापनदाताओं से प्रतियोगिता कर रहा था? यूरोपीय आयोग की आयुक्त मार्गरेट वेस्टैगर द्वारा विश्व के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ यह नई लड़ाई मानी जा रही है।
इससे पहले वेस्टैगर ने गूगल की मालिकाना कंपनी अल्फाबेट पर ऐसे ही एक मामले में 66,232 करोड रुपए का जुर्माना लगाया था। वे अमेजन और एपल के खिलाफ भी स्पर्धारोधी व्यवहार के आरोपों की जांच कर रही हैं।
70 लाख कंपनियां दे रहीं हैं फेसबुक को विज्ञापन
यूरोपीय आयोग ने बताया, फेसबुक पर विज्ञापन दे रही 70 लाख कंपनियों के डाटा का विश्लेषण किया जाएगा। जांचा जाएगा कि वर्गीकृत विज्ञापन क्षेत्र में फेसबुक ने इस डाटा का अपने फायदे के लिए कैसे इस्तेमाल किया।
वर्गीकृत विज्ञापन ऐसा क्षेत्र है , जहां लोग रोजाना चीजें खरीदते-बेचते हैं। खुद फेसबुक भी इसका हिस्सा होता है। वह अपने प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रही कंपनियों से प्रतियोगिता भी कर रहा है। आयोग ने कहा कि आज जब विश्व एक डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदल रहा है, डाटा का प्रतियोगिता के लिए ऐसा इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।