एक बंगला मिले न्यारा !

जम्मू-कश्मीर सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर के गुपकार रोड स्थित सरकारी बंगले को खाली करने का नोटिस दे दिया है जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी कब्जा बनाया हुआ है।

गुलाम नबी आजाद, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सरकारी बंगले खाली कर चुके हैं लेकिन महबूबा कहती हैं कि सरकारी बंगले पर उनका पुश्तैनी अधिकार है क्यूंकि बंगला सन् 2005 में उनके बाप मुफ्ती सईद को ऐलाट हो गया था। मैं अपने कानूनी सलाहकारों से विचार-विमर्श कर के ही कुछ कदम उठाऊँगी। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को बंगले के रख-रखाव, निजी सेवक आदि के लिए 48,000 रुपये मासिक का प्रावधान था, 15,000 रूपये निजी सचिव व 15,00 रूपये बिजली के बिल के मिलते थे जो रोक दिए गए हैं।

आप भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कीजिए, कुर्ते की जेब मे चाँद सितारे का पाकिस्तानी झण्डा रखिए, हर समय भारत और भारतीय सेना को कोसिए, पाकिस्तान और अलगाववादियों तथा आतंकियों की पीठ ठोकिए और सारी सहूलियात गुर्राते-गुर्राते हिन्दुस्तान से लीजिए। 5 अगस्त 2019 से पहले खाना और गुर्राना चलता था। यह मोदी का भारत है। महबूबा जी, अब वे दिन हवा हुए। गद्दारों के लिए कोई जगह इस हुकूमत में नहीं है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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