अलविदा जन नायक !

अत्यधिक दुःख एवं विषाद के साथ धरतीपुत्र और नेता जी के नाम से विख्यात जन नायक मुलायम सिंह यादव के महा प्रयाण का हृदय विदारक समाचार लेखनी को लिखना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय नेता ने आज 10 अक्तूबर को प्रातः सवा 8 बजे अन्तिम सांस ली।

मुलायम सिंह डॉ. राममनोहर लोहिया की सप्त क्रान्ति परिकल्पना से प्रभावित थे। लोकनायक जय प्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रान्ति के विचार ने उन्हें आकर्षित किया। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उन्होंने चौ. चरण सिंह की नीति-रीति को अपना समाजवादी पुट देकर आगे बढ़ाया और कामयाब रहे। चौधरी साहब का वरद पुत्र कहने में मुलायम सिंह यादव ने कभी भी संकोच नहीं किया। इसमें सन्देह नहीं कि यदि चौधरी साहब को अवसर मिलता, वे मुलायम सिंह को ही अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करते।

नेता जी के निधन से किसान-मजदूर, पिछड़े शोषित, मजलूम, अल्पसंख्यक, नौजवानों व नारी जाग्रति के मिशन को ठेस लगी है। प्रदेश में समाजवादी आन्दोलन पर भी प्रश्न चिह्न लगा है। यह एक प्रकार से एक अध्याय की समाप्ति है।

‘देहात’ की ओर से यशवर्द्धन ने मेदान्ता, गुरुग्राम पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रभु नेता जी की आत्मा को शान्ति प्रदान करें। ओम शान्ति, शान्ति, शान्ति !

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

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