गोरखपुर: माफिया राकेश यादव के घर पर चला बुलडोजर

माफिया के खिलाफ प्रशासन की सख्ती जारी है। अजीत शाही और विनोद उपाध्याय के बाद मंगलवार को माफिया राकेश यादव के घर पर भी प्रशासन का बुलडोजर चल गया। पुलिस-पीएसी की मौजूदगी में जीडीए ने राकेश यादव और उसके भाई योगेश व चंद्रशेखर के अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया।

खबर है कि माफिया राकेश यादव ने ग्राम पंचायत की सात हजार वर्ग फुट जमीन पर कब्जा कर लिया था। कब्जा की गई जमीन के चार हजार वर्ग फीट पर अपने भाइयों के साथ मिलकर अवैध निर्माण करवा लिया था। जीडीए ने नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की है। संपत्ति की कीमत पांच करोड़ रुपये आंकी गई है।

जानकारी के मुताबिक, झुंगिया कस्बा में राकेश यादव ने ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाया था। जीडीए से मकान का नक्शा भी स्वीकृत नहीं था। जमीन के लिए रंगदारी मांगने में नाम आने के बाद माफिया राकेश की संपत्ति का ब्योरा जुटाया गया था। तब सामने आया कि पूर्व में जब माफिया की संपत्ति पर कार्रवाई की गई थी, तभी डीएम ने ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था, लेकिन मामला कमिश्नर कोर्ट में चला गया था।

मकान में था परिवार, पहले खाली कराया, फिर बुलडोजर चलाया

कमिश्नर कोर्ट से आदेश मिलने के बाद जीडीए ने नोटिस जारी किया था। माफिया और उसके भाइयों योगेश व चंद्रशेखर का हिस्सा मिलाकर एक ही घर बनाया गया था। जीडीए ने तीनों के हिस्से के मकान को अवैध मानते हुए दो मंजिला घर पर बुलडोजर चलाया है। दो जेसीबी एवं पोकलैंड की सहायता से मकान गिराने का काम किया जा रहा है। देर रात तक ध्वस्तीकरण का काम जारी रहा। माफिया राकेश यादव पर लूट, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, बलवा, एससी-एसटी सहित विभिन्न धाराओं में 52 आपराधिक केस दर्ज हैं।


मकान में राकेश यादव का पूरा परिवार मौजूद था। मंगलवार को जीडीए की टीम पुलिस के साथ पहुंची। नगर निगम और जीडीए के कर्मचारियों की मदद से पहले मकान को खाली कराया गया। पूरे मकान से सामान को निकालकर बाहर कर दिया गया। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे से बुलडोजर ने ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया। जेसीबी के अलावा पोकलैंड मशीन को भी लगाया गया था। पीछे के हिस्से को मजदूरों की मदद से तोड़ा गया है।

अग्नि नियंत्रण, पीएसी और महिला पुलिस रही मौजूद

अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने से पहले पुलिस-पीएसी की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। कार्रवाई के दौरान कोई विरोध न होने पाए, इसके लिए अतिरिक्त फोर्स लगाई गई थी। सड़क से लेकर गांव की हर गली में पीएसी के जवान मौजूद थे। वहीं, अग्नि नियंत्रण टीम भीगे बोरे के साथ मौजूद थी, ताकि कोई आग लगाने की कोशिश करे तो उसे तत्काल रोका जा सके। परिवार की हर महिला सदस्य के साथ दो महिला सिपाही की ड्यूटी लगाई गई थी। एसपी नार्थ मनोज अवस्थी, एएसपी मानुष पारिक खुद कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे और दिशा-निर्देश देते रहे।

जीडीए ने नहीं दिया नोटिस…सिर्फ मेरे पर ही कार्रवाई क्यों
माफिया राकेश यादव के वकील निलय कुमार मिश्रा का कहना है कि यह पुश्तैनी जमीन है, जिसमें जीडीए बिना किसी आदेश के मकान गिरवा रहा है। वहीं, माफिया राकेश की पत्नी आरती ने जीडीए के अधिकारी से बात करते हुए कहा- हम लोग यहां वर्षों से रह रहे हैं, केवल मेरा ही घर क्यों गिराया जा रहा है। मुझसे बाद में आसपास के कई लोगों का मकान बना है, किसी का नक्शा पास नहीं है। इस पर जीडीए के अधिकारी ने प्रशासन एवं वीसी के समक्ष अपनी बात रखने की सलाह दी।

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