आजम खान और उनके मीडिया प्रभारी की जमानत को निरस्त कराने के लिए सरकार ने अर्जी दाखिल की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान और उनके मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान उर्फ शानू के मामले में अलग.अलग सुनवाई करते हुए सरकारी अधिवक्ताओं को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। आजम खान के मामले में जहां सरकारी अधिवक्ता को तीन दिन का समय दिया गया है। वहीं मीडिया प्रभारी के मामले में दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है। दोनों ही मामलों की सुनवाई न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता की खंडपीठ कर रही है।

पूर्व कबीना मंत्री ने अपनी याचिका में अपने खिलाफ दर्ज एफ आईआर को रद्द करने की मांग की है। वहीं मीडिया प्रभारी को दो अलग.अलग मामलों में मिल चुकी जमानत को निरस्त कराने के लिए सरकार ने अर्जी दाखिल की है। कोर्ट ने जमानत अर्जी निरस्त कराने के दोनों ही मामलों की एक साथ सुनवाई की। मीडिया प्रभारी के अधिवक्ता मुमताज अहमद सिद्दकी ने शुक्त्रस्वार को सुनवाई के दौरान अपना जवाबी हलफनामा दाखिल किया।

इस पर सरकारी अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए 29 अप्रैल 2022 की तिथि तय कर दी। उधर, पूर्व कबीना मंत्री के मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकारी अधिवक्ता को तीन दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

विधायक नसीर अहमद के मामले में सुनवाई पांच अप्रैल को
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चमरऊआ विधानसभा सीट के विधायक और जौहर ट्रस्ट के विधायक नासीर अहमद के मामले में शुकवार को सुनवाई टाल दी है। कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता के आग्रह पर सुनवाई के लिए पांच अप्रैल की तिथि तय की है।

विधायक ने हाईकोर्ट के समक्ष अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक कार्रवाइयों पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष अर्जी दाखिल की है। शुक्त्रस्वार को सुनवाई के लिए याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एनआई जाफरी खड़े हुए तो सरकारी अधिवक्ता ने कुछ दिक्कत बताई और मामले की सुनवाई के लिए आगे की तिथि तय करने का आग्रह किया। कोर्ट ने इस पर शुक्त्रस्वार को सुनवाई टाल दी।

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