भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल 98 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी को भारत सरकार ने किया सम्मानित

भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India movement) में योगदान देने वाले 98 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी को शनिवार को भारत सरकार ने सम्मानित किया. स्वतंत्रता सेनानी कार्तिक चंद्र दत्ता (Kartick Chandra Dutta) को उनके कोलकाता आवास पर सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा सम्मानित किया गया.

दत्ता के बेटे देबाकर ने कहा, “वह उन कुछ स्वतंत्रता सेनानियों में से थे जिन्हें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत सरकार द्वारा सम्मानित होने के लिए दिल्ली में आमंत्रित किया गया था, लेकिन यह कोविड के कारण नहीं हो सका. इसलिए सरकार ने अपने लोगों को यहां भेजा. उन्हें इससे पहले राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री द्वारा लगभग पांच या छह बार दिल्ली में सम्मानित किया गया है.”

एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में अपने पिता के योगदान पर, उन्होंने कहा: “शुरुआत से, वह अपने देश के लिए कुछ करना चाहते थे. उनके समान विचारधारा वाले दोस्तों का भी एक समूह था. उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नारे लगाए लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया.”

जेल जाने को दत्ता ने किया याद

दत्ता की पत्नी मंजुला ने कहा, “मुझे उनके स्वतंत्रता सेनानी होने की जानकारी नहीं थी. मेरी सास ने मुझे इसके बारे में बताया. जब उन्हें सलाखों के पीछे डाला गया तो वह कठिन दौर था.”

एएनआई से बात करते हुए, कार्तिक चंद्र दत्ता ने कई बार जेल भेजे जाने को याद किया लेकिन उसके बावजूद स्वतंत्रता संग्राम नहीं छोड़ा.

कार्तिक को आज भी वह समय याद है, जब उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित होने के लिए राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया था और उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि वह इस अवसर पर भविष्य में फिर से दिल्ली आएं.

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