पंजाब के गांवों को संक्रमण मुक्त करने के लिए सरकार ने एक अभेद्य योजना बनाई है। इसके तहत ऐसे ग्रामीणों को चिह्नित किया जाएगा जो बुखार, खांसी और सांस संबंधी रोगों से पीड़ित हैं। साथ ही प्रत्येक ग्रामीण की टेस्टिंग के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो इस कार्य को पूरा करने के लिए ग्रामीण स्तर पर टीमों का गठन करेगी।
हाल ही में किए गए सर्वे में शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण से 58 प्रतिशत अधिक मौतें होने का खुलासा हुआ था। इसके बाद पंजाब सरकार ने भी गांवों में बढ़ती मृत्यु दर को लेकर चिंता जाहिर की थी। इस पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा के क्षेत्र के माहिरों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की है।
इसके तहत पहले चरण में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हर गांव में बुखार, सांस संबंधी गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों का सर्वेक्षण शुरू किया गया है। इसके बाद संदिग्ध मरीजों की जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों और वरिष्ठ चिकित्सकीय अधिकारियों को दी जाएगी। प्रत्येक ग्रामीण की टेस्टिंग किए जाने को लेकर ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, एसएमओ और बीडीपीओ के साथ तीन सदस्यीय समितियां गठन की गईं हैं। इस समिति द्वारा गांवों में संक्रमण की टेस्टिंग करने के लिए आगे टीमें बनाईं जाएंगी। टीमों में ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी, आंगनबाड़ी कर्मचारी, स्कूल अध्यापक और स्व-इच्छुक गांव के युवाओं को शामिल किया जाएगा।