हमास: शरणार्थी शिविर पर इस्राइली सेना का हमला, बम धमाके में 50 से अधिक की मौत

इस्राइल और हमास का हिंसक संघर्ष एक महीने से चल रहा है। ताजा घटनाक्रम में गाजा पट्टी पर शरणार्थी शिविर में धमाके की रिपोर्ट आई है। सीएनएन की रिपोर्ट में अस्पताल के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि शनिवार देर रात मध्य गाजा पट्टी में अल-मगाजी शरणार्थी शिविर में शक्तिशाली विस्फोट हुआ। धमाके में 50 से अधिक लोग मारे गए, जबकि दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। इस्राइली सेना ने घटना पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।

खबर के अनुसार, दीर अल-बलाह में पास के अल-अक्सा शहीद अस्पताल में संचार निदेशक मोहम्मद अल-हज ने कहा कि विस्फोट में 52 लोगों की जान चली गई। गौरतलब है कि उन्होंने इस विस्फोट के लिए इस्राइली हवाई हमले को जिम्मेदार ठहराया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक संचार निदेशक ने बताया, “विस्फोट इस्राइली हवाई हमले का नतीजा था।”

शिविर में रहने वाले एक शरणार्थी ने बताया, “हम अपने घरों में बैठे थे तभी अचानक हमने बहुत शक्तिशाली विस्फोट की आवाज सुनी। इससे पूरा इलाका हिल गया। “इस्राइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा कि वे विस्फोट के आसपास की परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं।

अल-अक्सा शहीद अस्पताल में नर्सिंग के प्रमुख डॉ. खलील अल-दकरान ने दावा किया कि उन्होंने कम से कम 33 शव देखे हैं। उन्होंने भी धमाके को इस्रायली हवाई हमला करार दिया। सीएनएन के अनुसार, उन्होंने कहा, “शिविर के एक घर पर हमला किया गया। इसमें दर्जनों लोग थे। शरणार्थी शिविर में रहने वाले लोगों पर बमबारी की गई, जबकि लोग अपने घरों में सुरक्षित थे।”

डॉ. अल-दकरान ने कहा कि पीड़ितों में से कई महिलाएं और बच्चे थे। उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि और अधिक घायल या मृतकों को अस्पताल लाया जाएगा। अल-अक्सा शहीद अस्पताल के कथित फुटेज में सफेद तिरपाल के नीचे ढके कई शव दिखाई दे रहे हैं, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं। अल-मगाजी शिविर के निवासी जमाल अल अलौल ने कहा कि वह सो रहे थे जब पूरी इमारत उनके ऊपर गिर गई। हादसे में उन्होंने अपने दो बच्चों को खो दिया। इमारत के अंदर मौजूद अन्य लोगों के भाग्य के बारे में उन्होंने कहा कि कुछ भी कहा नहीं जा सकता। 

शरणार्थी शिविर में धमाके के बारे में एक अन्य निवासी समाह शकौरा ने कहा, “मैंने लाल बत्ती देखी, तब हम सोफे पर कांप रहे थे। मैंने अपनी सभी बहनों को चिल्लाते हुए देखा। जब मैंने खुद को जीवित पाया, तो मैंने जीवित लोगों की तलाश की।” सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि धमाके में उनके पिता की जान चली गई।

डॉ. अल-दकरान ने घटनास्थल पर मरीजों की भारी आमद को संभालने में अस्पताल की सीमाओं को भी रेखांकित किया। खबरों के मुताबिक इस्राइल के प्रतिबंध के कारण गाजा पट्टी पर ईंधन और आपूर्ति की कमी के कारण धमाके के पीड़ितों को पर्याप्त उपचार प्रदान करना असंभव हो गया। उन्होंने कहा, “अस्पताल के अंदर कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें इलाज की जरूरत है, हालांकि इनकी संख्या अस्पताल में बिस्तरों की संख्या से दोगुनी से भी अधिक है।”

वाडी गाजा के दक्षिण में तटीय परिक्षेत्र के बीच वाले हिस्से में स्थित अल-मगाज़ी शरणार्थी शिविर, संकरी गलियों और उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण चर्चित है। इसमें 0.6 वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में 33,000 से अधिक लोग रहते हैं। बता दें कि इस्राइली सेना (आईडीएफ) कई बार गाजा में रहने वाले नागरिकों से वाडी गाजा के दक्षिणी इलाके में चले जाने की अपील कर चुकी है। सेना का कहना है कि गाजा शहर और उत्तरी गाजा पर हवाई और जमीनी हमले तेज होने के कारण हालात बेहद संवेदनशील हैं।

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