हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक भटनेर दुर्ग की एक दीवार गिर जाने से छह मजदूर दब गए। हादसा दुर्ग में मरम्मत के दौरान हुआ। हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद वहां हड़कंप मच गया। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर दौड़े और हताहतों को तत्काल स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने भी अस्पताल पहुंचकर घायलों की कुशलक्षेम पूछी और चिकित्सकों को उनके उचित उपचार के निर्देश दिए। यह किला 1800 साल पुराना बताया जाता है।
जानकारी के मुताबिक, दुर्ग में इन दिनों मरम्मत का काम चल रहा है। सोमवार सुबह मजदूर काम में लगे हुए थे। इसी दौरान जीर्ण-शीर्ण हालत में खड़ी दुर्ग की एक दीवार अचानक ढह गई। दीवार ढहने से वहां काम कर रहे छह मजदूर उसके मलबे में दब गए। हादसा होते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। वहां काम कर रहे अन्य मजूदरों और आसपास के लोगों ने उनको मलबे से निकालकर जिला चिकित्सालय पहुंचाया। इलाज के दौरान एक मजदूर राजेंद्र दास की मौत हो गई।
सभी मजदूर बिहार के…
प्रारंभिक जांच में सामने आया है, हादसे के शिकार हुए सभी मजदूर मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। वे हनुमानगढ़ टाउन के वार्ड नंबर-46 में रहते हैं। घायल मजदूरों को मलबे से निकालकर जिला चिकित्सालय पहुंचाने वाले वार्ड पार्षद प्रदीप मित्तल ने दुर्घटना के लिए ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया है। मित्तल ने कहा, मजदूरों से बिना सुरक्षा उपकरणों के ही काम करवाया जा रहा था जिससे यह हादसा हो गया। उन्होंने मृतक और घायल मजदूरों को सरकारी सहायता देने की मांग की।
वहीं, हादसे की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अजय सिंह राठौड़ भी जिला चिकित्सालय पहुंचे। उन्होंने घायलों से हादसे के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने कहा कि घायलों को नियमानुसार सरकारी सहायता दी जाएगी। ठेकेदार की अगर कहीं लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।