हरियाणा: आरएसएस की गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे सरकारी कर्मचारी

हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। हरियाणा सरकार ने उस आदेश को वापस ले लिया है जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने पर रोक लगी थी। यह आदेश 1967 और 1980 में जारी हुए थे। संघ को राजनीतिक संगठन मानने वाली तत्कालीन सरकारों ने इस तरह के प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि अब प्रदेश सरकार संघ को गैर राजनीतिक संगठन मानती है। हालांकि, राजनीति में कर्मचारियों के हिस्सा लेने, प्रचार करने व वोट मांगने पर अब भी रोक जारी रहेगी। अप्रैल 1980 में हरियाणा के मुख्य सचिव के कार्यालय के तत्कालीन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों से किसी भी तरह के जुड़ाव से रोक दिया था।

क्या है नया आदेश?

सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को जारी आदेश में कहा, ‘‘हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 के प्रभाव में आने के साथ, दिनांक 2.4.1980 और… दिनांक 11.1.1967 के सरकारी निर्देश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया जाता है क्योंकि वे अब प्रासंगिक नहीं हैं।’’ सोमवार के फैसले से अब हरियाणा सरकार के कर्मचारी आरएसएस की गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। इस संबेध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों के मुख्य प्रशासकों, प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्तों, डीसी, सभी विवि के रजिस्ट्रार व पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

कांग्रेस का निशाना

विपक्षी दल कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूछा कि क्या मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ‘‘भाजपा-आरएसएस की पाठशाला’’ चला रही है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘अब हरियाणा के कर्मचारियों को संघ की शाखाओं में भाग लेने की छूट। सरकार चला रहे हैं या भाजपा-आएसएस की पाठशाला।’’ 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here