हरियाणा: लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए 5 लाख वैक्सीन का आर्डर

पंजाब के बाद अब हरियाणा में पशु लंपी स्किन बीमारी (एलएसडी) बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। हरियाणा के 482 गांवों में इस बीमारी का असर है और 6135 गायें इस बीमारी से संक्रमित मिली हैं। अब तक 23 गायों की मौत हो चुकी है। सबसे गंभीर बात ये है कि सिरसा की 33 गोशालाओं में यह बीमारी दस्तक दे गई है और 400 गाय बीमारी से ग्रस्त हैं, जबकि यहां कुल गाय 56,743 है।

अहम बात ये है कि अब तक गायों में भी इस बीमारी के फैलने की पुष्टि हुई, एक भी भैंस संक्रमित नहीं मिली है। हरियाणा सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए पांच लाख गोट पॉक्स वैक्सीन का ऑर्डर दिया है। दवा को एयरलिफ्ट कराया गया है और देर रात तक हरियाणा में यह दवा पहुंच जाएगी।

मंगलवार को लंपी स्किन बीमारी का मुद्दा विधानसभा में गूंजा। विधायक अमित सिहाग और शीशपाल केहरवाला ने इस पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगा सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। जवाब में पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि हरियाणा राज्य में यह रोग अभी प्रारंभिक चरण में है। पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा इसके नियंत्रण और रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं। 

हरियाणा में कुल 62.92 लाख भैंस और गौवंश है। इनमें से 19.32 लाख गौवंश हैं। जुलाई के अंतिम सप्ताह में यमुनानगर जिले से एलएसडी की प्रारंभिक रिपोर्ट दी गई थी। लंपी स्किन बीमारी का पिछला प्रकोप लाला लाजपत राय विश्वविद्यालय, हिसार में सितंबर, 2021 में दर्ज किया गया था, जहां 60 पशुओं में लंपी स्किन बीमारी फैलने का संदेह था। सैंपल लेने के बाद 12 पशुओं में एलएसडी की पुष्टि हुई, जिनमें से एक की मौत हो गई थी।

यमुनानगर में सबसे अधिक बीमारी
अब तक हरियाणा के सिरसा में 19, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में 2-2 पशुओं की मौत हुई है। इसके अलावा, यमुनानगर के 275 गांवों में 4705, सिरसा के 103 गांवों में 825, अंबाला के 60 गांवों में 283, कैथल के 22 गांवों में 191 गाय बीमारी से ग्रस्त हैं। सिरसा जिले में 276 पशु इस रोग से ठीक भी हो चुके हैं। सिरसा, यमुनानगर, भिवानी, कैथल, कुरुक्षेत्र और पलवल जिलों में कुल 161 सैंपल लिए हैं। रोग निदान के लिए लिए गए 161 सैंपल जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल भेजे गए हैं। 

हिसार में पांच हजार वैक्सीन लगाई 
जेपी दलाल ने बताया कि हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड द्वारा गोट पॉक्स के 5000 वैक्सीन हिसार में लगाई जा चुकी है। इसके साथ ही उपनिदेशकों को स्थानीय बाजार से आवश्यकतानुसार दवाइयां खरीदने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। सभी डीसी को फॉगिंग के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को इस बीमारी के बारे में आवश्यक जानकारी के लिए 10 लाख पंफ्लेट छपवाकर बांटे जा रहे हैं। इस बीमारी के सैंपल एनआईएचएसएडी लैब भोपाल भेजे गए हैं। संक्रमण रिपोर्ट आने उपरांत ही इस बीमारी को नोटिफाई करने बारे आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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