हिमाचल: रवि को टिकट मिलते ही मारकंडा ने भाजपा पदाधिकारियों के साथ दिया सामूहिक इस्तीफा

कांग्रेस के बागी रवि ठाकुर को लाहौल-स्पीति से भाजपा का टिकट मिलने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। चुनावी हलचल के बीच पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा मंगलवार सुबह लाहौल पहुंचे। इसके बाद मारकंडा ने अन्य पदाधिकारियों के साथ लाहौल-स्पीति भाजपा से सामूहिक इस्तीफा देने का एलान किया। मारकंडा ने एलान किया कि जो भी पार्टी उन्हें टिकट देगी उस पार्टी से आगामी चुनाव लडेंगे। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति की जनता के लिए यह कदम उठाया है।

रवि ठाकुर को भाजपा से टिकट देने के फैसले पर लाहौल-स्पीति भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी रोष है।  केलांग में मारकंडा सहित भाजपा के जिला से लेकर मंडल स्तर के पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा देने का एलान किया गया।  मारकंडा ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने कार्यकर्ताओं को हितों का ध्यान रखे बिना ही अपना फैसला लिया है।

केएल ठाकुर की भाजपा में वापसी का विरोध
वहीं, नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर की भाजपा में एंट्री के बाद डैमेज कंट्रोल करने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और जिला अध्यक्ष रतन पाल को कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना करना पड़ा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी ने विधायक को छह साल के लिए निष्कासित किया था, लेकिन मंडल को पूछे बगैर ही उन्हें वापस ले लिया गया। इससे कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई है। पूर्व विधायक लखविंद्र सिंह राणा ने कहा कि अगर केएल को पार्टी प्रत्याशी बनाती है तो वह कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे।

जो कार्यकर्ता कहेंगे, उसके अनुसार वह काम करेंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी शिकायतों को पार्टी के उच्च अधिकारियों के सामने रखा जाएगा और उन्हें भी सम्मान दिलाया जाएगा।नालागढ़ के एक निजी होटल में मंडल अध्यक्ष मनोहर लाल ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में पूर्व विधायक लखविंद्र सिंह राणा समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं ने केएल ठाकुर की वापसी पर सवाल उठाए। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी के अपने कोई नियम कानून नहीं हैं। जिस विधायक ने पार्टी को बदनाम करके लोगों को चुनाव में यह बताया कि उसने पार्टी की पांच साल सेवा की और उसे मंच पर धक्के मारे गए।

पार्टी के प्रत्याशी को हरवाया। पार्टी से उन्हें छह साल के लिए निकाला था, लेकिन जब वापस लेने की बारी आई तो किसी भी मंडल पदाधिकारी को विश्वास में नहीं लिया गया। यह पार्टी के लिए ठीक नहीं है। कुछ कार्यकर्ताओं ने यहां तक कहा कि अगर पार्टी ने भविष्य में ऐसा ही करना है तो पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जहर दे दिया जाए। मंडल अध्यक्ष ने कहा कि जिस विधायक के चलते पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा और उन्हें बिना मंडल की सहमति के बिना ही वापस ले लिया। अब उन्हें बताने का क्या फायदा है।

लखविंद्र राणा बोले-उनके साथ धोखा हुआ और रोने लगे
पूर्व विधायक लखविंद्र सिंह राणा ने कहा कि उनके साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। जिस उम्मीद से वह पार्टी में शामिल हुए थे। उनके साथ वैसा नहीं हुआ। नेताओं की जिस तरीके से खरीद फरोख्त हुई है, वह पार्टी की नीतियों के खिलाफ है और लोगों को पार्टी से विश्वास उठ जाएगा। अपनी बात कहते हुए पूर्व विधायक बैठक में रोने लगे, जिन्हें मनोहर लाल ने चुप कराया।

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