पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रदेश के करीब 20 बड़े नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। सोनिया गांधी ने भाजपा से विधानसभा चुनाव की लड़ाई को मिल-जुलकर लड़ने के लिए एकजुटता की सीख दी। उन्होंने कहा कि यह गुटबाजी का समय नहीं, एकजुट होकर सभी चुनाव मैदान में उतरें। यह बैठक मंगलवार शाम 5:00 बजे 10 जनपथ पर हुई। बैठक करीब डेढ़ घंटा चली। संगठन में बिखराव न आए, इसके लिए वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी भी तय की गई है। पार्टी के पूर्व विधायक, युवा नेता त्यागपत्र देकर आम आदमी पार्टी में जा रहे हैं, इस पर भी मंथन हुआ है।
कहा गया है कि संगठन पदाधिकारियों की जो भी नाराजगी है, उसे दूर करें ताकि बिखराव न हो। मई में प्रस्तावित नगर निगम शिमला के चुनावों को भी गंभीरता से लेने के लिए कहा गया है। विधानसभा चुनावों से पहले हुई यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। सोनिया गांधी ने नेताओं को नसीहत देने के बाद सुझाव भी लिए हैं। कुछ नेताओं ने कहा कि प्रदेश संगठन में बदलाव करना है या नहीं, इस पर जल्दी स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। इससे चुनाव प्रचार से पहले कोई दुविधा नहीं रहेगी। युवाओें को टिकट देने और बार-बार हारने वालों को टिकट न देने जैसे सुझाव भी दिए गए हैं। इस बैठक में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री भी मौजूद रहे।