गृह मंत्रालय, रेलवे और बैंकों को मिलीं भ्रष्टाचार की सबसे अधिक शिकायतें: सीवीसी रिपोर्ट

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय, रेलवे और बैंकों को पिछले साल अपने कर्मचारियों के खिलाफ सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं। इस रिपोर्ट को बुधवार को सार्वजनिक किया गया। सभी श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ प्राप्त कुल 1,09,214 शिकायतों में से सबसे ज्यादा 37,670 शिकायतें गृह मंत्रालय के खिलाफ, 11003 रेलवे के खिलाफ और 6330 बैंकों के खिलाफ थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के खिलाफ कुल शिकायतों में से 15,267 का निपटारा कर दिया गया और तीन महीने से अधिक समय से 19,118 सहित 22,403 शिकायतें लंबित हैं।

शिकायतों के निपटारे के लिए तीन महीने की समय-सीमा निर्धारित
सीवीसी ने संगठनों के लिए हर शिकायत की जांच करने और उसे उसके तार्किक निष्कर्ष पर लाने के लिए तीन महीने की समय-सीमा निर्धारित की है। संसद के हाल ही में संपन्न सत्र के दौरान रखी गई रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे ने 10,662 शिकायतों (341 लंबित) का निपटारा किया और बैंकों ने 5,887 शिकायतों का निपटारा किया (443 शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से 90 लंबित थीं)। विभिन्न सरकारी संगठनों के साथ काम करने वाले सभी श्रेणियों के अधिकारियों / कर्मचारियों के खिलाफ 2021 में 1,09,214 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 79,305 का निपटारा किया गया और 29,909 लंबित थी।

जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) को छोड़कर स्थानीय निकायों के खिलाफ कुल 7,617 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 7,026 का निपटारा किया गया, 4704 शिकायतें दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ थीं (4,242 का निपटारा किया गया), कोयला क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ 4672 शिकायतें थीं (4,370 निपटाई गईं), आवास और शहरी मामलों के खिलाफ 4,422 (3,493 निपटाए गए) शिकायतें और श्रम विभाग / क्षेत्र के खिलाफ 4,398 (4,176 निपटाए गए) शिकायतें थीं। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक उड्डयन कर्मचारियों के खिलाफ 4,101 शिकायतें (4,022 का निपटारा किया गया), 2,691 पेट्रोलियम क्षेत्र में (2,375 का निपटारा किया गया), 2,216 रक्षा कर्मचारियों के खिलाफ (2,144 का निपटारा किया गया), 2,019 शिकायतें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के कर्मचारियों के खिलाफ थीं जिनमें से 989 का निपटारा किया गया, मानव संसाधन विकास के खिलाफ 1,672 (1,513 निपटाए गए) शिकायतें, वित्त के खिलाफ 1,556 (1,365 निपटाए गए) शिकायतें थीं।

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