इस्राइली रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसकी सेनाएँ अब ईरान की राजधानी तेहरान में ईरानी सरकार के कई महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमले कर रही हैं। इन ठिकानों में कुख्यात एविन जेल भी शामिल है। इसके अलावा, अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (आईआरजीसी) का सुरक्षा मुख्यालय, फलस्तीन स्क्वायर और बसीज वॉलंटियर कॉर्प्स की इमारतें भी निशाने पर हैं। बसीज बल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का हिस्सा है। रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि ईरानी तानाशाह ने इस्राइली नागरिकों पर हमला किया था और अब उसे कड़ी सजा दी जाएगी।
इससे पहले, ईरानी सरकारी टीवी ने बताया था कि तेहरान में अवस्थित एविन जेल के निकट एक संदिग्ध इस्राइली हवाई हमले की सूचना मिली है। ईरानी मीडिया का अनुमान है कि यह हमला ड्रोन के माध्यम से किया गया हो सकता है। रिपोर्ट में इस हमले की कथित काली-पीली वीडियो फुटेज भी साझा की गई है। यह जेल खासतौर पर दोहरी नागरिकता वाले और पश्चिमी देशों से जुड़े कैदियों के लिए जानी जाती है, जिन्हें ईरान अक्सर राजनीतिक वार्ताओं में अपनी रणनीति के तहत रखता है।
एविन जेल में राजनीतिक कैदियों और पश्चिमी देशों से जुड़े कैदियों के लिए अलग-अलग विशेष इकाइयां हैं, जिन्हें सीधे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के अधीन काम करने वाले रिवोल्यूशनरी गार्ड चलाते हैं। यह जेल पहले से ही अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का सामना कर रही है।
इस्राइली सेना (आईडीएफ) ने दावा किया है कि उसकी वायुसेना ने तेहरान में आंतरिक सुरक्षा बलों और आईआरजीसी के कमांड सेंटरों पर सटीक हमले किए हैं। यह ऑपरेशन इस्राइली सैन्य खुफिया विभाग से प्राप्त विस्तृत खुफिया जानकारी पर आधारित था।
हमले के लक्षित केंद्र:
- बसीज मुख्यालय: आईआरजीसी की प्रमुख इकाइयों में से एक, बसीज न केवल एक हथियारबंद बल है बल्कि इस्लामी कानून के लागू होने, निगरानी और सरकार को रिपोर्ट करने का कार्य भी करता है। यह सीधे आईआरजीसी के अधीन है।
- अल्बोर्ज कोर: यह तेहरान के कई जिलों की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है और ईरानी शासन की स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे भी हमले में निशाना बनाया गया।
- इंटेलिजेंस और जनरल सिक्योरिटी पुलिस: यह बल ईरान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा है और शासन के आदेशों को लागू करने में अहम भूमिका निभाता है। इसे भी सैन्य बल माना गया है और इस पर हमला ईरानी सरकार की सैन्य व खुफिया क्षमता को कमजोर करने के मकसद से किया गया।
हमले के बाद इस्राइली सेना का बयान:
हमलों के बाद, आईडीएफ ने कहा कि इन कमांड सेंटर्स पर हुए हमले से ईरानी शासन की सैन्य ताकत कमजोर हुई है और उसकी शासन व्यवस्था पर नियंत्रण बनाए रखने की क्षमता प्रभावित हुई है। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब पिछले हफ्तों में ईरान और इस्राइल के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है।