मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सैन्य ड्रोन की खरीद मामले में मुइज्जू को विपक्षी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने उन्हें सलाह दी थी कि उन्हें अपनी जिद छोड़कर भारत जैसे पड़ोसियों से संबंधों को बेहतर बनाना चाहिए। ताजा घटनाक्रम में मुइज्जू ने कहा है कि उनके पूर्ववर्ती राष्ट्राध्यक्ष ‘एक विदेशी राजदूत’ के आदेश पर काम करते थे। मुइज्जू ने इब्राहिम सोलिह पर आरोप लगाने के बाद किसी देश का नाम नहीं लिया। बता दें कि मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति को चीन हितैषी माना जा रहा है। उन्होंने अपने चुनावी अभियान के दौरान भारतीय सैनिकों को देश से वापस लौटाने की मुहिम भी छेड़ी थी।
जिद छोड़कर बातचीत करनी चाहिए
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सोलिह ने मुइज्जू को आड़े हाथों लिया था। देश के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने कहा था कि राष्ट्रपति मुइज्जू को जिद्दी रवैया नहीं अपनाना चाहिए। वित्तीय चुनौतियों से पार पाने के लिए पड़ोसी राष्ट्रों के साथ बातचीत करनी चाहिए। सोलिह ने कहा कि मैंने कई मीडिया रिपोर्ट्स देखी है, जो बताती है मुइज्जू ऋण पुनर्गठन के लिए भारत से बात करना चाहता है। सोलिह ने कहा कि मालदीव पर चीन का 18 बिलियन मालदीव रुफिया (एमवीआर) का कर्ज है, जबकि भारत का 8 बिलियन एमवीआर का कर्ज है और भुगतान की अवधि 25 वर्ष है। मुझे विश्वास है कि हमारा पड़ोसी देश मदद करेगा। हमें जिद छोड़कर बातचीत करनी चाहिए।