अपराध रोकने और नियंत्रण के लिए पुलिस कार्यप्रणाली को बेहतर करने में मदद करेगा आइआइएम

पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए मप्र पुलिस और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम इंदौर) के बीच एक अनुबंध हुआ है। जहां मौजूदा कार्यप्रणाली को समझने के लिए छह महीने संस्थान अपने स्तर पर अध्ययन व शोध करेगी। उसके आधार पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर मप्र पुलिस के आला अफसरों को सौंपेगी, ताकि नए माडल को लागू किया जा सके। इसकी शुरुआत प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से करने पर विचार हो रहा है। मामले में इंदौर पुलिस एवं पीटीसी इंदौर के माध्यम से पुलिस की बीट प्रणाली को और बेहतर बनाने विषय पर वेबीनार भी रखा गया।

शुभारंभ मुख्य अतिथि आइजी हरिनारायणचारी मिश्र ने किया। अफसरों के मुताबिक शहरभर में 45 थाने और पांच विशेष थाने हैं। सालभर में लगभग 25500 अपराध दर्ज होते हैं। अफसरों के मुताबिक शहर की जनसंख्या अधिक होने के कारण इंदौर में ट्रैफिक से जुड़ी समस्याएं भी अधिक हैं। यहां सिटी सर्विलेंस सिस्टम के अंतगर्त 125 स्थानों पर 630 सीसीटीवी कैमरे से नजर रखते हैं। आइआइएम के निदेशक हिमांशु राय ने कहा कि पुलिस का काम सिर्फ ला एंड आर्डर तक सीमित नहीं रहता है। आपदा, महामारी या अन्य कोई परिस्थितियों में भी पुलिस मैदान संभालती है।

इस लिहाज से पुलिस की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है। यही वजह है कि उनकी कार्यप्रणाली में बदलाव की जरूरती है। वे कहते हैं कि जनसंख्या के हिसाब से एक हजार व्यक्तियों पर सिर्फ एक पुलिसकर्मी मौजूद है। इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस के ऊपर कितनी अधिक जिम्मेदारी, उत्तरदायित्व रहता है। वे बताते है कि बीट पुलिसिंग व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है। बीट पुलिसिंग और कार्यप्रणाली को समझेंगे। इसके आधार पर कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए नया ढांचा बनाया जाएगा।

वेबिनार में अति पुलिस महाश्रीमती निदेशक ट्रेनिंग अनुराधा शंकर एवं उपनिदेशक पुलिस अकादमी भौरी भोपाल विनित कपूर मौजूद थे। पुलिस उप महानिरीक्षक मनीष कपूरिया, आइआइएम निदेशक प्रो. हिमांशु राय, पुलिस अधीक्षक पूर्व आशुतोष बागरी, पुलिस अधीक्षक पीटीसी इन्दौर अगम जैन, आईआईएम के प्रो. वैजयंती अय्यर, प्रो. अमित वत्स, प्रो. राजहंस मिश्रा, प्रो. सौरभ चंद्रा, अति पुलिस अधीक्षक मुख्यालय मनीषा पाठक सोनी उपस्थिति थे।

बीस बिंदुओं पर शोध

पुलिस की कार्यप्रणाली और व्यवस्था पर विशेषतौर से अध्यायन किया जाएगा। पुलिस बीट सिस्टम, डायल 100, कंट्रोल रूम, घटना के दौरान आने वाली चुनौतियों, संसाधनों सहित अन्य विषयों पर शोध करेंगे। पुलिस का रिस्पास टाइम, जनता के प्रति पुलिस का व्यवहार, पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता एवं दक्षता को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा।

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