योगी के नए मंत्रिमंडल में 67% मंत्री सवर्ण और पिछड़े समाज से सिर्फ़ 29% : ओवैसी

उत्तर प्रदेश कैबिनेट में छठे ब्राह्मण और प्रभावशाली समुदाय से 11वें मंत्री की एंट्री के बाद कैबिनेट में उच्च जाति से आने वाले मंत्रियों की संख्या 27 हो गई है। वहीं 23 मंत्री ओबीसी और 9 दलित जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कैबिनट में उच्च और दलित जातियों के मंत्रियों के बीच इस फैसले को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर हमला किया है।

एआईएमईएम चीफ ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा, OBC भाइयों ने झोली भर-भर के बीजेपी को वोट दिया।लेकिन योगी के नए मंत्रिमंडल में 67 प्रतिशत मंत्री सवर्ण हैं और सिर्फ़ 29 प्रतिशत पिछड़े समाज से हैं। मुसलमानों का डर दिखा कर आपके वोटों की चोरी हो रही हैं। “हिंदू एकता” के नाम पर आपकी सियासी पहचान को खत्म किया जा रहा है।

यूपी कैबिनट में रविवार को हुए विस्तार में सात मंत्रियों की शपथ के बाद कैबिनट में कुल मंत्रियों की संख्या 60 हो गई है।  हालांकि, प्रतिनिधित्व के मामले में ‘उच्च जातियों’ का वर्चस्व बना हुआ है, जो सबसे बड़ा ब्लॉक है। जिन सात मंत्रियों को शामिल किया है उनके चयन में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधते हुए अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखा गया है।

बता दें कि 7 नए मंत्रियों के शपथ लेते ही योगी कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 60 हो गई है। कुल 60 मंत्रियों में से 27 पारंपरिक ‘उच्च जातियों’ से आते है। इन 27 मंत्रियों में 11 नामों के साथ ब्राह्मण की संख्या सबसे ज्यादा है। 7 नामों के साथ ठाकुर दूसरे नंबर पर आते हैं। वहीं ओबीसी के 23 प्रतिनिधि हैं, जिनमें एक सिख जाट भी शामिल है, और दलितों के पास नौ हैं, जिसमें एक शिया मुसलमान है।

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