हिमाचल में विदेशी टूरिज्म सैलानियों की आमद से पर्यटन कारोबार में बढ़ोतरी

केंद्र सरकार की ओर से विदेशी सैलानियों को भारत आने की अनुमति देने की तैयारी से हिल्सक्वीन शिमला सहित प्रदेश भर में पर्यटन कारोबार के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। सालाना करीब पांच लाख विदेशी सैलानी हिमाचल पहुंचते हैं जिनमें से अधिकतर शिमला का रुख करते हैं। कोरोना के मामले बढ़ने के बाद मार्च 2020 से विदेशी सैलानियों की आमद पूरी तरह बंद है। जिसके चलते विदेशी सैलानियों से जुड़े होटल, ट्रेवल एजेंट और गाइडों का काम पूरी तरह ठप है। बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी हैरिटेज टूरिज्म के लिए शिमला, एडवेंचर टूरिज्म के लिए मनाली और आध्यात्मिक टूरिज्म के लिए धर्मशाला का रुख करते हैं। किन्नौर और लाहौल-स्पीति भी विदेशी सैलानियों की पसंदीदा सैरगाह है।

सितंबर और अक्तूबर के बीच छुट्टियों के चलते यूरोप से बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी शिमला, मनाली और धर्मशाला पहुंचते थे। अगर सरकार एक हफ्ते के भीतर विदेशी सैलानियों के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर देती है तो बड़ी संख्या में सैलानियों के हिमाचल पहुंचने की उम्मीद है। ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन के महासचिव मनु सूद का कहना है कि प्रदेश में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करीब 10 हजार लोग विदेशी सैलानियों से जुड़े हैं। बीते डेढ़ साल से ऐसे लोगों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित था। शिमला वॉक्स ट्रेवल कंपनी के संचालक सुमित वशिष्ठ का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से विदेशी सैलानियों से जुड़े पर्यटन कारोबारियों का काम पूरी तरह ठप है।

स्टॉफ की सैलरी और आफिस की मेंटेनेंस तक मुश्किल हो गई। हमें राहत देने के लिए सरकार ने कुछ नहीं सोचा। अगर इंग्लैंड के टूरिस्टों का वीजा शुरू होता है तो सैलानियों की आमद से कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद है। ट्रैवल पॉल इंडिया कंपनी के प्रतिनिधि अमित चोपड़ा ने बताया कि अप्रैल 2021 से काम पूरी तरह ठप है। विदेशी सैलानियों के लिए वीजा शुरू होने के बाद पर्यटन विभाग को व्यापक प्रचार प्रसार के लिए अभियान शुरू करना चाहिए ताकि विदेशी सैलानियों की आमद शुरू हो और पर्यटन कारोबारियों को राहत मिल सके।

मार्च 2020 के बाद नहीं हुई स्टीम इंजन की बुकिंग
इंग्लैंड से आने वाले सैलानियों के लिए रेलवे का 116 साल पुराना स्टीम इंजन आकर्षण का केंद्र रहता है। विदेशी सैलानियों के न आने के कारण मार्च 2020 के बाद से स्टीम इंजन की बुकिंग नहीं हो पाई है। शिमला से कैथलीघाट 21 किलोमीटर ट्रैक के बीच रेलवे स्टीम इंजन का संचालन करता है। औसतन सवा लाख रुपये में स्टीम इंजन की बुकिंग होती है। हालांकि रेलवे प्रबंधन स्टीम इंजन का नियमित अंतराल पर ट्रायल करता रहा है।

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