देश के 22 जिलों में कोरोना के बढ़े मामले चिंता का विषय, हम इस स्थिति को हल्के में नहीं ले सकते- स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, “शुरू के कुछ हफ्तों में कोरोना के मामलों में तेजी से कमी हो रही थी लेकिन पिछले दो-तीन हफ्तों से कोरोना वायरस के मामलों में हो रही गिरावट की दर कम हुई है जो चिंता की बात है. हम इसे लेकर राज्यों के साथ बात कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि देश में अभी 54 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा बना हुआ है.

संयुक्त सचिव ने कहा, “देश में अभी 22 जिले ऐसे हैं जहां पिछले 4 हफ्तों में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है. इनमें केरल के 7 जिले, मणिपुर के 5 जिले, मेघालय के 3 जिले, अरुणाचल प्रदेश के 3 जिले, महाराष्ट्र के 2 जिले, असम का 1 जिला, त्रिपुरा का 1 जिला शामिल है.” लव अग्रवाल ने आगे कहा, “वैश्विक नजरिए से देखें तो महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. दुनिया भर में मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, जो चिंता का विषय बना हुआ है. हमें सख्ती के साथ वायरस के प्रसार को रोकने पर काम करना होगा.”

वहीं, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है. कुछ क्षेत्र चिंता का विषय बने हुए हैं. वैक्सीनेशन की भी पूरी गारंटी नहीं है कि यह संक्रमण के मामलों को कम करेगा. ऐसा कोई भी वैक्सीन नहीं कहती कि संक्रमण नहीं होगा. हालांकि वैक्सीन से बीमारी की गंभीरता और मौत को रोका जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आठ जिलों में कोविड के मामलों में वृद्धि हुई है, जहां संक्रमण दर में कमी देखने को मिल रही थी.

संयुक्त स्वास्थ्य सचिव अग्रवाल ने कहा कि देश में 62 जिले ऐसे हैं जहां 100 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पूरी दुनिया में एक बार फिर केस बढ़ रहे हैं. यूके, फ्रांस, इटली और जापान में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है. हमें वायरस से जंग जारी रखनी होगी. मानसून के समय मच्छरों, वॉटर बोर्न डिजीज का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया का खतरा अधिक है. जरूरी है इससे बचा जाए क्योंकि कोविड के साथ यह बीमारियां बहुत खतरनाक साबित हो सकती हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here