अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद सिटी सेशंस कोर्ट की एसीबी विशेष अदालत ने शुक्रवार को बहुचर्चित 2018 बिटकॉइन घोटाले और अपहरण मामले में बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने पूर्व भाजपा विधायक नलिन कोटडिया, अमरेली के पूर्व एसपी व आईपीएस अधिकारी जगदीश पटेल सहित 14 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी। यह मामला सूरत के बिल्डर शैलेश भट्ट के अपहरण, 200 बिटकॉइन की जब्ती और 32 करोड़ रुपये की फिरौती मांग से जुड़ा था, जिसने राज्य की राजनीति और पुलिस व्यवस्था को हिला कर रख दिया था।
राजनीति-पुलिस गठजोड़ का खुलासा
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि तत्कालीन एसपी जगदीश पटेल के नेतृत्व में अमरेली पुलिस अधिकारियों ने राजनीतिक नेताओं और बिचौलियों के साथ मिलकर भट्ट का गांधीनगर से अपहरण किया और उन्हें एक फार्महाउस में कैद कर रखा। राज्य की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने तर्क दिया कि यह मामला केवल वित्तीय घोटाला नहीं, बल्कि राजनीति, पुलिस और भ्रष्टाचार के गठजोड़ का जीता-जागता उदाहरण है।
एक आरोपी बरी, बाकी को सजा
मामले में गिरफ्तार 15 लोगों में कोटडिया और जगदीश पटेल के अलावा अमरेली एलसीबी के तत्कालीन निरीक्षक अनंत पटेल, सीबीआई निरीक्षक सुनील नायर, वकील केतन पटेल और कारोबारी किरीट पलाडिया भी शामिल थे। इनमें से अदालत ने केवल जतिन पटेल को दोषमुक्त किया, जबकि शेष 14 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
“कानून से ऊपर कोई नहीं”
सीआईडी (अपराध) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत का निर्णय यह स्पष्ट करता है कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। चाहे वर्दीधारी हों या सार्वजनिक पद पर बैठे लोग, सत्ता का दुरुपयोग कर संगठित अपराध में लिप्त होने वालों को सख्त सजा भुगतनी होगी।