तमाम एग्जिट पोल और एनडीए गठबंधन में शामिल दलों के दावों को खारिज करते हुए जनता ने लोकसभा चुनाव 2024 में बिलकुल अलग तरह का मैंडेट दिया है. चुनाव के परिणाम में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए 300 का आंकड़ा भी छू नहीं पाई. हालांकि, गठबंधन बहुमत के आंकड़े से कहीं आगे निकल गया. इन नतीजों में 4 ऐसे उम्मीदवार रहे जिन्होंने इस चुनाव में सबसे कम उम्र में जीत का परचम लहराया है. ये चार युवा चेहरे अब लोकसभा में नजर आएंगे. इन सभी के उम्र महज 25 साल है.
ये चार उम्मीदवार (पुष्पेंद्र सरोज, प्रिया सरोज, शांभवी चौधरी और संजना जाटव) अब 18वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद बनने जा रहे हैं. पुष्पेंद्र सरोज और प्रिया सरोज ने समाजवादी पार्टी (एसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा, वहीं शांभवी चौधरी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और संजना जाटव ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
1. पुष्पेंद्र सरोज (Pushpendra Saroj)
उत्तर प्रदेश की कौशांबी लोकसभा सीट से चुनावी ताल ठोकने वाली समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज सबसे कम उम्र में जीत दर्ज करने वाली उम्मीदवार बन गई हैं. पुष्पेंद्र सरोज की उम्र 25 साल 3 महीने है. उनका जन्म 1 मार्च 1999 को हुआ था. पुष्पेंद्र सरोज पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं. लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली पुष्पेंद्र सरोज ने इस बार 2019 में हुई पिता की हार का बदला ले लिया है. पुष्पेंद्र सरोज ने यूपी की कौशांबी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर को 1.03 लाख वोटों के अंतर से हराया है. पिछली बार यहां से इंद्रजीत सरोज की हार हुई थी.
2. प्रिया सरोज
उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाली प्रिया सरोज उन चार उम्मीदवारों में शामिल हैं जिन्होंने सबसे कम उम्र में इस लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है. प्रिया सरोज की उम्र सिर्फ 25 वर्ष 7 महीने है. उन्होंने मौजूदा बीजेपी सांसद भोलानाथ को 35,850 वोटों के अंतर से हराया है. प्रिया सरोज के पिता तूफानी सरोज भी तीन बार सांसद रह चुके हैं. वाराणसी के पिंडरा तहसील के करखियांव गांव की रहने वाली प्रिया सरोज पिछले 7 वर्षों से समाजवादी पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में अपनी भागीदारी निभाती रही हैं. एलएलबी की डिग्री हासिल कर चुकीं प्रिया सरोज की स्कूली पढ़ाई दिल्ली के एयरफोर्स गोल्डन जुबिली इंस्टीट्यूट से हुई है. वो सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी कर चुकी हैं.
3. शांभवी चौधरी
पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की पुत्रवधू शांभवी चौधरी ने इस बार चिराग पासवान की लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और महज 25 साल की उम्र में जीत का परचम लहराया है. बिहार के समस्तीपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाली शांभवी ने कांग्रेस के सनी हजारी को 187251 वोटों के अंतर से हराया.
शांभवी चौधरी बिहार में नीतीश कुमार के कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं. अशोक चौधरी हाल ही में कांग्रेस से जेडीयू में शामिल हुए थे. शांभवी के दादा भी कांग्रेस में रह चुके हैं. यानी वो अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की नेता हैं. शांभवी चौधरी ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से आर्ट्स में एमए किया है.
4. संजना जाटव
राजस्थान की भरतपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली संजना जाटव ने 25 वर्ष की उम्र में जीत हासिल करने में कामयाब रही हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रामस्वरूप कोली को 51,983 वोटों के अंतर से मात दी है. पिछले साल हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई थी. हालांकि, उस दौरान उन्हें महज 409 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.