सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) दक्षिण बंगाल सीमांत के क्षेत्रीय मुख्यालय मालदा की 115वीं बटालियन की सीमा चौकियों का ज्यादातर इलाका गंगा नदी से सटा है। रविवार को नदी से तस्करी के लिए ले जाई जा रही गायों को बचाने के दौरान बीएसएफ द्वारा अनुबंधित दो इंजन लगी देसी नाव (ईएफसी बोट) के पांच नावों के संचालक गंगा नदी के तेज बहाव में बह कर अनजाने में बांग्लादेश की सीमा में चले गए। बीएसएफ अधिकारियों ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) से इन नाव संचालकों को वापस लौटाने का अनुरोध किया। इसके जवाब ने बीजीबी के अधिकारियों ने बांग्लादेश की मौजूदा हालत और मीडिया के दबाव का हवाला देते हुए नाव संचालकों को वापस लौटाने से मना कर दिया।
जानकारी के मुताबिक रविवार को सीमा चौकी नीमतीता, 115 वीं बटालियन के जवानों ने दूसरी शिफ्ट की ड्यूटी के दौरान देखा कि गंगा नदी में एक संदिग्ध वस्तु बह रही है। जवान ने तुरंत रेडियो सेट के माध्यम से क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) और नावों के संचालकों को इस बारे में सूचित किया। सूचना मिलने के बाद दो ईएफसी (इंजन फीटेड कंट्री) बोट घटनास्थल पर पहुंची। इनमे पांच नाव संचालक भी शामिल थे। जब सभी लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा की गंगा नदी में गायों को केले के तने के साथ बांध कर ले जाया जा रहा है। इन गायों को बचाने के दौरान उफनती नदी में बने भंवर से टकराकर एक ईएफसी बोट खराब हो गई। इसके बाद वह नाव, गंगा नदी के पानी के बहाव के साथ तेजी से बहने लगी। इसके बाद दूसरी ईएफसी नाव ने खराब ईएफसी नाव को खींचने की कोशिश की लेकिन गंगा नदी के बढ़े जलस्तर, तेजबहाव और पानी में बने भंवर में फंस कर दोनों बोट अनजाने में बांग्लादेश की सीमा में चली गईं। वहां, बीजीबी के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया।
जानकारी के मुताबिक तत्काल इस घटना की सूचना बीएसएफ द्वारा बीजीबी अधिकारियों को फोन पर दी गई। बीएसफ ने भारतीय नाविकों को वापस भेजने की मांग की। बीएसएफ अधिकारियों ने तुरंत बीजीबी अधिकारीयों के साथ फ्लैग मीटिंग कर घटना के बारे में फिर से अवगत कराया। बीएसएफ अधिकारियों ने कहा, ‘गंगा नदी में मवेशियों को बचाने के दौरान नाव का इंजन खराब हो जाने की वजह से बोट संचालक अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर बांग्लादेश में प्रवेश कर गए। इस संबद्ध में इन व्यक्तियों का कोई गलत इरादा नहीं था। यह घटना ड्यूटी के दौरान हुई है। इसलिए दोनों विशिष्ट सीमा सुरक्षा बलों के बीच समन्वय और अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए उन्हें वापस लौटा दिया जाए।’ उधर, बीजीबी अधिकारियों ने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति का हवाला देते हुए बीएसएफ अधिकारीयों की एक नहीं सुनी। बीजीबी ने नाविकों को वापिस भेजने से इनकार कर दिया। इसके बाद नाविकों को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया।