तमिलनाडु की राजनीतिक परिदृश्य में दो बड़े अभिनेता-से-नेता बने चेहरों के बीच हाल ही में जुबानी जंग देखने को मिली है। मक्कल नीधि मय्यम (एमए) प्रमुख कमल हासन ने टीवीके प्रमुख विजय की रैलियों में जुट रही भीड़ पर टिप्पणी की है और कहा कि बड़ी भीड़ का जमा होना जरूरी नहीं कि वोट में बदल जाएगा। उनके अनुसार यह नियम सभी नेताओं पर लागू होता है, चाहे वह स्वयं हों या विजय।
विजय इस समय तमिलनाडु में विभिन्न रैलियों का आयोजन कर रहे हैं, जिनमें भारी भीड़ जुट रही है। इसी बीच कमल हासन ने स्पष्ट किया कि राजनीति में यह मान लेना गलत है कि रैली में आए सभी लोग वोटर बन जाएंगे। उन्होंने कहा, “यह सभी नेताओं पर लागू होता है। भीड़ जुटी है तो इसका मतलब यह नहीं कि पूरी भीड़ वोट डालने आएगी।” साथ ही उन्होंने विजय को सलाह दी कि राजनीति में सही रास्ते पर चलें, साहस के साथ आगे बढ़ें और जनता के लिए अच्छे काम करें।
वहीं, विजय ने भी कमल हासन सहित आलोचकों के बयानों का जवाब दिया। तिरुवरूर में 20 सितंबर को आयोजित रैली में उन्होंने मंच से सवाल किया कि क्या उनकी रैली में जुटी भीड़ ‘खाली भीड़’ है। इसके जवाब में भारी जनसमूह ने उनके नाम के नारे लगाकर समर्थन व्यक्त किया। विजय ने कहा कि उनकी पार्टी का उद्देश्य सच्चे लोकतंत्र को बढ़ावा देना है, जिसमें ईमानदारी और विवेक हो। उन्होंने जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि जनसमर्थन उनकी ताकत है और बदलाव की दिशा में काम करने की प्रेरणा देता है।
कमल हासन और विजय दोनों ही तमिलनाडु की जनता में लोकप्रिय रहे हैं और अब राजनीति में आमने-सामने हैं। जहां कमल हासन ने अनुभव और व्यावहारिक राजनीति पर जोर दिया, वहीं विजय ने जनता के भरोसे और जनसमर्थन को अपनी ताकत बताया। यह राजनीतिक जंग आने वाले समय में तमिलनाडु की राजनीति में नए मोड़ ला सकती है।