कर्नाटक सरकार ने पूर्व पुलिस अधिकारी रामचंद्र राव की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं. यह जांच उनकी सौतेली बेटी और एक्टर रान्या राव से जुड़े सोने की तस्करी मामले में की गई है. अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता यह पता लगाने के लिए जांच का नेतृत्व करेंगे कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रैंक के अधिकारी की अवैध गतिविधियों में कोई संलिप्तता थी या नहीं. बीते दिन सोने की तस्करी के आरोप में जांच के घेरे में आईं एक्टर रान्या राव एक बार फिर कोर्ट में रो पड़ी थीं और कहा था कि राजस्व खुफिया निदेशालय की हिरासत में रहने के दौरान उन्हें किसी भी तरह की शारीरिक यातना नहीं दी गई.
सरकारी आदेश में कहा गया है कि जांच अधिकारी को तुरंत जांच शुरू करनी चाहिए और एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए. पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक (पुलिस बलों के प्रमुख) तथा कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव को भी जांच के लिए सभी जरूरी दस्तावेज और सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
रामचंद्र राव वर्तमान में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास एवं अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं. आदेश में कहा गया है कि फिल्म एक्टर रान्या राव को राजस्व खुफिया निदेशालय ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह दुबई से बेंगलुरु में अवैध रूप से सोने की छड़ें ले जा रही थी. मामले की जांच के दौरान मीडिया में यह खबर आई थी कि गिरफ्तार रान्या ने एयरपोर्ट पर उच्च पदस्थ अधिकारियों को दी जाने वाली शिष्टाचार सुविधाओं का दुरुपयोग किया है.
एक्टर रान्या राव से मिला साढ़े 12 करोड़ का सोना
बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रान्या से 12.56 करोड़ रुपए मूल्य की सोने की छड़ें जब्त की गई थीं, जिसके बाद उनके आवास पर तलाशी ली गई और अधिकारियों ने बताया कि 2.06 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपए की भारतीय मुद्रा भी बरामद की गई.
सोना तस्करी मामले में गिरफ्तार रान्या राव को सोमवार को आर्थिक अपराधों के लिए विशेष अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एक्टर पूछताछ के लिए तीन दिनों तक राजस्व खुफिया निदेशालय की हिरासत में थी. सोमवार को डीआरआई अधिकारियों ने उसे अदालत में पेश किया. जांचकर्ताओं ने खुलासा किया कि रान्या राव पिछले छह महीनों में 27 बार दुबई गई थीं.