कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को एक व्यापक प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 200 से अधिक अधिकारियों का तबादला कर दिया। यह निर्णय उस समय लिया गया जब कुछ ही घंटों में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम की घोषणा होने वाली थी।
सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कुल 61 आईएएस और 145 डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसे राज्य में हाल के वर्षों का सबसे बड़ा प्रशासनिक बदलाव माना जा रहा है।
जिलाधिकारियों से लेकर सचिव स्तर तक तबादले
तबादले की इस सूची में 10 जिलाधिकारियों (डीएम), कई विशेष सचिवों, ओएसडी, अतिरिक्त जिलाधिकारियों (एडीएम) और उप मंडलाधिकारियों (एसडीओ) के नाम शामिल हैं। इसके अलावा हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआईडीसीओ) के प्रबंध निदेशक, कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के आयुक्त और हल्दिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचडीए) के सीईओ को भी स्थानांतरित कर दिया गया है।
इन जिलों में बदले गए डीएम
उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, कूचबिहार, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, दार्जिलिंग, मालदा, बीरभूम, झारग्राम और पूर्व मेदिनीपुर जैसे जिलों के डीएम बदले गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह फेरबदल आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए किया गया है। आयोग की घोषणा के बाद इतना बड़ा परिवर्तन करना मुश्किल होता, इसलिए सरकार ने यह कदम पहले ही उठा लिया।
राजनीतिक विवाद भी शुरू
फैसले पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। भाजपा ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने यह फेरबदल चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से किया है। भाजपा नेता संजल घोष ने कहा, “मुख्यमंत्री को डर है कि एसआईआर प्रक्रिया के बाद बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता सूची से हट जाएंगे, इसलिए अंतिम समय में अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है।”
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को निराधार बताया। पार्टी के आईटी प्रमुख देबांशु भट्टाचार्य ने कहा, “यह सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है, जो पूरे साल चलती रहती है। इसका चुनाव आयोग की किसी भी घोषणा से कोई संबंध नहीं है।”
भाजपा ने की चुनाव आयोग से शिकायत
इस बीच, पश्चिम बंगाल भाजपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने बिना चुनाव आयोग की अनुमति के 235 अधिकारियों के तबादले कर नियमों का उल्लंघन किया है। भाजपा ने इन ‘अनियमित तबादलों’ को तत्काल रद्द करने की मांग की है।