‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी: खादी अपनाएं, स्वदेशी पर करें गर्व

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 126वें संस्करण में देशवासियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह मंच केवल विचार साझा करने का साधन ही नहीं रहा, बल्कि पूरे देश की उपलब्धियों और लोगों के अनुभवों को सामने लाने का माध्यम भी बन गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 125 एपिसोड पूरे कर लेने के बाद भी उनका उत्साह और लगाव उतना ही है, जितना शुरुआत में था।

भगत सिंह और लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि

कार्यक्रम में मोदी ने शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उनका साहस और त्याग देश के युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेगा। उन्होंने उल्लेख किया कि फांसी से पहले भगत सिंह ने अंग्रेजों से कहा था कि उन्हें युद्धबंदी की तरह गोली मार दी जाए, यह उनके अदम्य साहस का प्रमाण है।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भी उनकी जयंती पर याद किया। उन्होंने कहा कि लता दीदी ने अपने गीतों से भारत की संस्कृति और भावनाओं को दुनिया तक पहुँचाया। देशभक्ति गीतों से लेकर भावनात्मक रचनाओं तक, उनका योगदान अमूल्य है। मोदी ने यह भी बताया कि लता दीदी वीर सावरकर से बेहद प्रभावित थीं और वे हर साल उन्हें राखी भेजा करती थीं।

बेटियों की उपलब्धियों पर गर्व

नवरात्रि के अवसर पर प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों—लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा—की साहसिक यात्रा का ज़िक्र किया, जिन्होंने समंदर में महीनों तक नाव से हजारों किलोमीटर की यात्रा पूरी की। मोदी ने कहा कि यह उदाहरण दिखाता है कि देश की बेटियाँ हर क्षेत्र में चुनौतियों को पार कर रही हैं।

छठ पर्व को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने का प्रयास

मोदी ने कहा कि भारत सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल कराने के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि यह त्योहार अब वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रहा है और इसकी भव्यता को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा, जैसे कुछ समय पहले कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को की मान्यता मिली थी, वैसे ही छठ पर्व को भी यह दर्जा दिलाने की कोशिश की जा रही है।

स्वदेशी और खादी को बढ़ावा

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने गांधी जयंती का उल्लेख करते हुए स्वदेशी और खादी को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कुछ समय तक खादी का महत्व कम हो गया था, लेकिन पिछले एक दशक में इसकी लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ी है। मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि 2 अक्टूबर को खादी का कोई न कोई उत्पाद अवश्य खरीदें और उसे सोशल मीडिया पर #VocalForLocal के साथ साझा करें।

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