नई दिल्ली। अफगानिस्तान के वाणिज्य और उद्योग मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अजीजी ने सोमवार को कहा कि उनके देश के वाणिज्यिक प्रतिनिधि अगले महीने भारत का दौरा करेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि काबुल भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा एक अरब अमेरिकी डॉलर से कई गुना बढ़ाने का इच्छुक है।

अजीजी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के बीच निजी निवेश को लेकर 'मजबूत इच्छा' है। उन्होंने भारतीय व्यवसायियों को अफगानिस्तान में निवेश के लिए आमंत्रित किया और बताया कि खनन, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और कपड़ा उद्योग जैसे क्षेत्र महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं।

अजीजी पिछले हफ्ते पांच दिन की उच्च स्तरीय यात्रा पर नई दिल्ली आए थे। उन्होंने अफगान दूतावास में कहा कि भारत और अफगानिस्तान ने अपनी-अपनी राजधानियों में समर्पित वाणिज्यिक दूत नियुक्त करने का निर्णय लिया है, ताकि व्यापार और आर्थिक सहयोग को और मजबूत किया जा सके।

निवेशकों को पांच साल की कर छूट का प्रोत्साहन
अजीजी ने बताया कि अफगानिस्तान में निवेश करने वाली कंपनियों को पांच साल तक कर छूट दी जाएगी, जिसमें सोने की खदानें भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, "नए क्षेत्रों में निवेश करने वाली कंपनियों को टैक्स नहीं देना होगा। हम उन्हें जमीन और टैरिफ समर्थन भी देंगे।"

अजीजी ने पाकिस्तान के साथ तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि इससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि अफगानिस्तान में पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं और प्रतियोगिता कम है।