मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने गुरुवार को कहा कि कुछ केंद्रीय एजेंसियां राज्य के घाटी जिलों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम ( अफ्सपा) को फिर से लागू करने के लिए दबाव डाल रही हैं। विधानसभा में नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के सदस्य लीशियो कीशिंग के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सीएम ने कहा, कि पिछले साल 3 मई से घाटी जिलों में विकसित स्थिति के कारण, कुछ केंद्रीय एजेंसियां अफ्सपा को फिर से लागू करने के लिए दबाव डाल रही थीं।

सीएम से चर्चा के दौरान एजेंसियों ने क्या दिया तर्क
उन्होंने कहा कि उनके साथ चर्चा के दौरान भी, इन एजेंसियों ने तर्क दिया कि सामान्य कानून स्थिति को सुलझा नहीं कर सकते हैं और इसलिए घाटी जिलों में अफ्सपा को फिर से लागू किया जाना चाहिए। इस सुझाव पर आपत्ति जताते हुए सीएम ने कहा, हम पहाड़ी जिलों से अफ्सपा को हटाने की मांग करने के बिंदु पर थे, लेकिन मुझसे पूछा गया कि क्या घाटी जिलों में स्थिति को सामान्य कानूनों के तहत प्रबंधित किया जा सकता है।

धीरे-धीरे स्थिति का समाधान करूंगा- सीएम बीरेन सिंह
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने एजेंसियों को आश्वासन दिया कि अशांति हाल की हिंसा के प्रति भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का परिणाम है और वह धीरे-धीरे स्थिति का समाधान करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने माना कि घाटी के जिलों में बदलते हालात के कारण एजेंसियों को उनके दौरे के दौरान संतोषजनक जवाब देना चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने ये भी माना कि एजेंसियां उनके पिछले जवाबों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थीं और सदन के माध्यम से लोगों से अपील करते हुए कहा, घाटी में अफ्सपा लागू करने के लिए काफी दबाव है।

मैं लंबे समय से अफ्सपा के खिलाफ हूं- सीएम बीरेन सिंह
उन्होंने अफ्सपा के प्रति अपने पिछले विरोध पर जोर देते हुए कहा, मैं एक पत्रकार और एक सार्वजनिक व्यक्ति के रूप में लंबे समय से अफ्सपा के खिलाफ खड़ा हूं। यह एक अमानवीय और क्रूर अधिनियम है जो लोगों को अपमानित करता है, डर पैदा करता है और सम्मान को नष्ट करता है। उन्होंने कहा कि घाटी के जिलों में स्थिति में सुधार के बाद, 19 पुलिस स्टेशनों से अफ्सपा हटा दिया गया। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों से भी अफ्सपा हटाने की इच्छा दोहराई और केंद्रीय नेताओं से इस आवश्यकता के बारे में आश्वस्त होने का आह्वान किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नये आपराधिक कानून मणिपुर में उभरते हालात से निपटने में मदद करेंगे।

अफीम की खेती पर सरकार का कड़ा एक्शन
वहीं मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक टी. लोकेश्वर के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि राज्य में अवैध अफीम की खेती के संबंध में पिछले सात सालों में 412 एफआईआर दर्ज की गई और 87 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सीएम ने कहा कि 2017 से 2024 के बीच कुल 16,788 एकड़ अवैध पोस्त की खेती को नष्ट कर दिया गया है।