उत्तर प्रदेश के अयोध्या में अगले महीने भव्य राम मंदिर का उद्घाटन समारोह होने वाला है. राम मंदिर ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद की ओर से देश के प्रतिष्ठित लोगों को निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं. ऐसे में सामने आया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के भी समारोह में कोई प्रतिनिधि भेजने की संभावना नहीं है. उधर, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और लालू यादव ने भी समारोह में सामिल होने से इनकार कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हालांकि टीएमसी ने आधिकारिक तौर पर अपने फैसले की घोषणा नहीं की है, लेकिन ममता बनर्जी के करीबी पार्टी सूत्रों का मानना है कि पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक एजेंडा में शामिल होने से सावधान है. उनका मानना है कि भाजपा अपने 2024 के लोकसभा अभियान के लिए राम मंदिर उद्घाटन को एक स्प्रिंगबोर्ड के रूप में इस्तेमाल करेगी. इसीलिए टीएमसी दूसरी भूमिका निभाने के लिए तैयार नहीं है.
मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी सीएम और विपक्षी नेताओं को भेजा न्योता
जानकारी के मुताबिक, यह घटनाक्रम राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से समारोह के लिए सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और प्रमुख विपक्षी नेताओं को निमंत्रण पत्र भेजने के बाद सामने आया है. बता दें कि इससे पहले सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी राम मंदिर उद्घाटन समारोह के निमंत्रण को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद का मामला है. इसे राजनीतिक लाभ में नहीं बदला जाना चाहिए.
अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में सीताराम येचुरी की पार्टी ने एक धार्मिक समारोह को राज्य प्रायोजित कार्यक्रम में बदलने के लिए भाजपा और आरएसएस की निंदा की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर उद्घाटन में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया है.
22 जनवरी को पीएम मोदी करेंगे राम मंदिर का उद्घाटन
बताया गया है कि नवनिर्मित राम मंदिर का उद्घाटन अगले महीने 22 जनवरी को किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से ज्यादा लोगों के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने की उम्मीद है.