बीजू जनता दल ने मंगलवार को दिल्ली सेवा विधेयक पर सरकार का साथ देने का एलान किया। इसके अलावा पार्टी ने यह भी कहा कि वह विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी। वाईएसआर कांग्रेस के बाद बीजद ऐसी दूसरी पार्टी है जिसने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर केंद्र को समर्थन देने की घोषणा की है। इसे आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन के लिए करारा झटका माना जा रहा है। राज्यसभा में बीजद के नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करेगी। हम अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ भी मतदान करेंगे।
सांसदों को तीन-लाइन व्हिप जारी किया
बीजू जनता दल (बीजेडी) ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में अपने सांसदों को तीन-लाइन व्हिप जारी किया है। राज्यसभा में बीजद के नौ सांसद हैं। उच्च सदन में वाईएसआर कांग्रेस के भी नौ सांसद हैं। दोनों दलों के 18 सांसदों के कुल समर्थन से विधेयक का सदन में पारित होना लगभग तय है। ऐसे में राज्यसभा में भाजपा बहुमत में न होकर भी आसानी से कामयाबी हासिल कर लेगी।
सरकार को बिल पास कराने के लिए पर्याप्त संख्याबल
औपचारिक रूप से सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा न होने के बावजूद दोनों पार्टियों ने अक्सर संसद में सरकार का समर्थन किया है। सत्तारूढ़ एनडीए के पास राज्यसभा में 100 से अधिक सांसद हैं। नामांकित और निर्दलीय सांसदों का समर्थन सरकार को प्राप्त है। इन दो पार्टियों के समर्थन के बाद 238 सदस्यीय उच्च सदन में सरकार को बिल पास कराने के लिए पर्याप्त संख्याबल मिल गया है।
ऐसा है विपक्ष का हाल
एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 26 विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के अलावा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कपिल सिब्बल जैसे कुछ निर्दलीय सांसद विधेयक के खिलाफ मतदान कर सकते हैं। इनकी कुल संख्या लगभग 109 होगी। सदन की कुल सदस्य संख्या 243 है, लेकिन अभी कुछ रिक्तियां भी हैं। विपक्षी गठबंधन के 26 दलों में से कम से कम 18 की राज्यसभा में उपस्थिति है। उनके पास 101 सांसद हैं।
लोकसभा में राह आसान
लोकसभा में भाजपा के अपने दम पर 305 सदस्य हैं, इसलिए सरकार को विधेयक या अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष से कोई खतरा नहीं है। निचले सदन में बीजद के 12 सदस्य हैं।