भारत-नेपाल सुप्रीम कोर्ट्स के बीच न्यायिक सहयोग पर समझौता

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट और भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को न्यायिक सहयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. नेपाल के चीफ जस्टिस प्रकाश मान सिंह राउत और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की उपस्थिति में MOU पर साइन किए गए. इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों देशों की न्यायपालिकाओं के बीच सहयोग को विकसित करना, बढ़ावा देना और मजबूत करना है.

नेपाल और भारत के लोगों के बीच मौजूद सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंधों से प्रेरित होकर यह अहम समझौता किया गया है. दोनों देशों के बीच हुए समझौता ज्ञापन न केवल कानून और न्याय के क्षेत्र में सूचनाओं के आपसी आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि इसके माध्यम से न्यायपालिका के विभिन्न स्तरों पर जजों और अधिकारियों के बीच बातचीत को भी बढ़ावा देगा.

हितधारकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सहयोग

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने आज दोनों देशों के बीच न्यायिक सहयोग को विकसित करने, बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौता ज्ञापन यात्राओं के आदान-प्रदान, अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रशिक्षण और शैक्षणिक कार्यक्रमों जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जजों और अधिकारियों के बीच बातचीत को भी बढ़ावा देगा.

इससे लंबित मामलों को निपटाने, अदालती प्रक्रियाओं में तेजी लाने और हितधारकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में प्रौद्योगिकी के उपयोग के महत्व पर जोर दिया जाएगा. साथ ही समझौता ज्ञापन में संबंधित न्यायालयों और अन्य संस्थानों में उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकी से संबंधित जानकारी साझा करने का प्रावधान है.

संयुक्त कार्य समूह बनाने का प्रावधान

समझौता ज्ञापन के अनुसार न्यायिक सहयोग को बढ़ावा देने और उसे और मजबूत बनाने के लिए योजनाओं और तौर-तरीकों पर काम करने के लिए दोनों न्यायपालिकाओं के अधिकारियों से मिलकर एक संयुक्त कार्य समूह बनाया जाएगा. बता दें कि भारत और नेपाल के बीच रोटी बेटी का रिस्ता है. दोनों एक दुसरे के पड़ोसी देश हैं जिनके बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक और पारिवारिक संबंध हैं.

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