एएलएच ध्रुव के सभी हेलीकॉप्टर ग्राउंडेड, पोरबंदर हादसे के बाद सेना ने लिया फैसला

पोरबंदर दुर्घटना के बाद भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना और ALH बेड़े के अन्य ऑपरेटरों ने सभी हेलीकॉप्टरों के व्यापक सुरक्षा जांच के लिए इसका संचालन अस्थाई रूप से रोक दिया है. सूत्रों के अनुसार, यह 2023 के बाद दूसरी बार है जब ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर के बेड़े को ग्राउंडेड किया गया है. यह निर्णय 5 जनवरी की घटना के बाद लिया गया, जिसमें एक भारतीय तटरक्षक ध्रुव Mk-3 हेलीकॉप्टर गुजरात के पोरबंदर हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हादसे में तीन कर्मियों की मौत हो गई.

भारतीय तटरक्षक बल 16 ALH Mk-3 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहा है और कुल 19 ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर इंडियन कोस्ट गार्ड के बेड़े में शामिल हैं. इंडिया कोस्ट गार्ड 15 और ध्रुव हेलीकॉप्टर जिन्हें हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाया जा रहा, शामिल करने की योजना बना रहा है. इस बीच पोरबंदर में घटना हो गई. दुर्घटना की जांच शुरू हो चुकी है.

सवाल उठता है कि आखिर ALH ध्रुव हेलीकॉप्टरके बेड़े को ग्राउंडेड करने के पीछे क्या वजह है? तो बताया जा रहा है कि तकनीकी चिंताओं के कारण ग्राउंडेड करने का फैसला लिया गया है. पिछली दुर्घटनाओं की जांच में कई तकनीकी खूबियां पाई गई हैं. इसमें इंजन फेल्योर भी शामिल है. हालिया घटनाओं में अक्सर देखा गया कि हेलीकॉप्टर का इंजन फेल्योर दुर्घटनाओं की बड़ी वजह रहा.

इससे पहले भी हादसे का शिकार हो चुका है ध्रुव हेलीकॉप्टर

2 अक्टूबर, 2024: बिहार में बाढ़ राहत अभियान के दौरान भारतीय वायुसेना का एक ALH हेलीकॉप्टर इंजन फेल होने के कारण क्रैश हो गया था, हालांकि, क्रू मेंबर को सुरक्षित निकाल लिया गया था.

2 सितंबर, 2024: मेडिकल इवैक्यूएशन मिशन के दौरान एक तटरक्षक ALH ध्रुव Mk III अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें दो लोगों की मौत हो गई, और एक सदस्य लापता हो गया था.

4 मई, 2023: जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना का ALH रुद्र हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें दो पायलट और एक तकनीशियन की मौत हो गई थी.

11 मार्च, 2023: मुंबई तट पर बिजली की अचानक कमी के कारण नौसेना के एक ALH ध्रुव Mk III को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी. इसमें चालक दल को बचा लिया गया था.

कुछ खामियों को HALने दूर करने का प्रयास किया

एल्यूमिनियम बूस्टर कंट्रोल रॉड्स के समय के साथ खराब होने के कारण गंभीर विफलताओं का कारण बनीं. HAL ने इनकी जगह मजबूत स्टील रॉड्स लगाने की प्रक्रिया शुरू की है. HAL ने समस्याओं के समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं. HAL ने हेलीकॉप्टर के कंपोनेंट्स को अपग्रेड किया है. सुरक्षा पैरामीटर्स को ऑडिट किया गया. साथ ही सभी ALH हेलीकॉप्टरों की व्यापक समीक्षा की गई. इसके अलावा इन हेलीकॉप्टरों के रखरखाव और संचालन प्रक्रियाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार स्टैंडर्ड किया गया.

संसद की समिति व्यक्त कर चुकी है चिंता

दूसरी ओर से संसद की समिति द्वारा विमान दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की गई है. संसद में प्रस्तुत एक रिपोर्ट में 2017 से 2022 के बीच विभिन्न सेवा विमानों की 34 दुर्घटनाओं का खुलासा हुआ है, जिसमें हालिया ALH घटनाओं ने इस आंकड़े को और गंभीर बना दिया है.

हालांकि, दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति और बेड़े के बार-बार ग्राउंडेड होने से डिजाइन, रखरखाव और संचालन प्रोटोकॉल में सुधार की तत्काल आवश्यकता महसूस की गई. वहीं तमाम चुनौतियों के बावजूद, ALH ध्रुव भारत के सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति बना हुआ है. बीते दो दशकों में इसने 375000 से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं. खोज और बचाव, मेडिकल इवैक्यूएशन और आपदा राहत अभियानों में इसने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here