हिंडनबर्ग रिसर्च के ताजा आरोपों पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। बाजार नियामक ने कहा है कि चेयरपर्सन माधवी बुच ने समय-समय पर प्रासंगिक खुलासे किए हैं। चेयरपर्सन ने संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट पर सेबी ने कहा है कि उसने अदाणी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की जांच की है। सेबी ने बताया कि जिन मामलों में जांच पूरी हुई, उनमें कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। आगे कहा गया या है, ‘जांच की अवधि के दौरान सेबी किसी मामले में कुछ भी कहने से बचता है।’
सेबी ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के जवाब में सेबी ने निवेशकों को शांति बनाए रखने और सोच समझकर कदम उठाने की नसीहत दी है। सेबी ने कहा, ‘निवेशकों को शांत रहने की जरूरत है। ऐसी रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देने से पहले सही ढंग से तैयारी कर लेनी चाहिए। इसके अलावा निवेशकों को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अस्वीकरण पर भी ध्यान देना चाहिए।’
सेबी ने शीर्ष अदालत के आदेश का जिक्र किया
सेबी ने कहा, ‘शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि सेबी ने 24 में से 22 मामलों में जांच पूरी कर ली है। तीन जनवरी वर्ष 2024 के शीर्ष अदालत ने कहा था कि सेबी ने अदाणी समूह के 24 मामलों में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है।’ सेबी ने आगे कहा कि बाकी बचे दो मामलों में से एक की जांच मार्च 2024 में पूरी कर ली गई। इसके अलावा एक मामले की जांच लगभग समाप्त होने वाली है। आपको बता दें कि जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर निशाना साधते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट ने हड़कंप मचा दिया था, क्योंकि हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। जनवरी 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह द्वारा स्टॉक मूल्य में हेरफेर के आरोपों की जांच एसआईटी को स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने सेबी को तीन महीने के भीतर दो लंबित मामलों में अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया था।
हिंडनबर्ग को जारी किया था कारण बताओ नोटिस
सेबी ने आगे बताया कि इस वर्ष 27 जून को हिंडनबर्ग को प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन के लिए एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। सेबी ने कहा, ‘हिंडनबर्ग रिसर्च ने कारण बताओ नोटिस को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है। कारण बताओ नोटिस में इसके जारी होने किए जाने की वजहें बताई गईं हैं। इस मामले में कार्रवाई जारी है।’
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर माधवी बुच ने क्या कहा?
आपको बता दें कि इससे पहले सेबी की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगे आरोपों को आधारहीन करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा सेबी की विश्वसनीयता पर हमला किया गया है। इसके अलावा बाजार नियामक ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी की प्रमुख माधवी बुच के चरित्र हनन की कोशिश की गई है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या दावा किया गया
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद सेबी की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच का नाम कथित अदाणी घोटाले से जुड़ रहा है। शनिवार देर रात आई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में दंपती की हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अदाणी घोटाले में इस्तेमाल की गई अपतटीय (ऑफशोर) संस्थाओं में सेबी चेयरपर्सन और उनके पति की हिस्सेदारी थी। इन संस्थाओं का संचालन कथित तौर पर अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी करते हैं। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि ये निवेश, माधवी बुच के सेबी के पूर्णकालिक सदस्य बनने से पहले वर्ष 2015 में किए गए थे। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि माधवी पुरी बुच ने अपने शेयर पति को ट्रांसफर किए। अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2022 के दौरान माधवी पुरी बुच सेबी की सदस्य होने के साथ चेयरपर्सन थीं।