विशाखापट्टनम/बेंगलुरु: आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों, नारा लोकेश और प्रियांक खरगे, के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर निवेश और कर्ज को लेकर विवाद फिर तूल पकड़ गया है।
नारा लोकेश ने हाल ही में अपने पोस्ट में लिखा कि आंध्र प्रदेश का खाना तीखा होता है, वैसे ही हमारे निवेश भी कुछ पड़ोसियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत का सबसे युवा राज्य होने के नाते आंध्र प्रदेश ने सबसे अधिक निवेश आकर्षित किया है। लोकेश का इशारा हाल ही में विशाखापट्टनम में बनने वाले 15 अरब डॉलर के गूगल एआई डाटा सेंटर की ओर था। इसके लिए राजधानी दिल्ली में एक बड़ा समझौता समारोह भी आयोजित किया गया।
इसके जवाब में कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने तंज कसते हुए कहा कि जैसे पोषण विशेषज्ञ संतुलित आहार की सलाह देते हैं, वैसे ही अर्थशास्त्री संतुलित बजट की सलाह देते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश की कुल देनदारियां अब लगभग 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई हैं। खरगे ने कहा कि एनडीए के नेतृत्व में चंद्रबाबू नायडू सरकार के केवल एक साल में आंध्र प्रदेश ने 1.61 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। साथ ही उन्होंने राजस्व घाटा और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के अनुपात में भी वृद्धि का जिक्र किया।
खरगे ने तंज कसा कि जो भी कहे, पड़ोसी जलते हैं और मालिक को उस पर गर्व होता है, जो एक पुराने टेलीविजन विज्ञापन की लाइन पर आधारित था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के मंत्री बंगलुरू की कंपनियों और स्टार्टअप्स को अपने राज्य में लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि शहर की बुनियादी सुविधाओं की समस्याएं बनी हुई हैं।
दोनों मंत्रियों के बीच विवाद की शुरुआत पहले भी हुई थी। खासकर तब जब नारा लोकेश ने कंपनियों को आंध्र प्रदेश बुलाने की मुहिम शुरू की थी। यह बहस लॉजिस्टिक स्टार्टअप ब्लैकबक से शुरू हुई थी, जब इसके एक अधिकारी ने बंगलुरू के बेलंदूर इलाके में काम करने में मुश्किलों का जिक्र किया। इसके जवाब में लोकेश ने विशाखापट्टनम आने का न्योता देते हुए निवेश के अवसरों को बढ़ावा दिया।