नई दिल्ली। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मालदीव के संबंध इतने मजबूत और परिपक्व हैं कि वे किसी भी क्षणिक टिप्पणी या विवाद को सहजता से झेल सकते हैं। यह बयान उस समय आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा से पूर्व वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के रिश्तेदार की एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सवाल उठाए गए।
विदेश सचिव ने कहा कि भारत, बीती बातों पर नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने पर विश्वास करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी एक व्यक्ति की टिप्पणी से भारत-मालदीव के द्विपक्षीय संबंध प्रभावित नहीं होंगे। “हमारे रिश्ते समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और बीते महीनों में जो प्रगति हुई है, वह भविष्य की मजबूती का संकेत देती है,” मिस्री ने कहा।
दरअसल, मालदीव के राष्ट्रपति के बहनोई अब्दुल्ला बिन मोहम्मद इब्राहिम ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया।
प्रधानमंत्री की मालदीव यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए, जिनमें ₹4,850 करोड़ की ऋण सहायता और भारत-मालदीव मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता की शुरुआत प्रमुख रही। मिस्री ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में दोनों देशों का सुरक्षा सहयोग अब और भी व्यापक हो गया है, और राष्ट्रपति मुइज्जू ने भी इस सहयोग को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारत-मालदीव संबंधों को “समुद्र जितना गहरा और इतिहास से भी पुराना” बताया और कहा कि भारत हमेशा पहले मित्रता को प्राथमिकता देता है। यह उनकी मालदीव की तीसरी आधिकारिक यात्रा थी, जिसमें वे देश की 60वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ समारोह में मुख्य अतिथि भी रहे।
इस दौरान पीएम मोदी ने हुलहुमाले में 3,300 सामाजिक आवासों का लोकार्पण किया, अड्डू शहर में सड़क और नाला परियोजनाओं का उद्घाटन किया, तथा मालदीव को 72 वाहन और रक्षा उपकरण भी सौंपे। उन्होंने नई रक्षा मंत्रालय इमारत को “विश्वास की इमारत” बताते हुए कहा कि भारत मालदीव की रक्षा क्षमताओं के सशक्तिकरण में सहयोग करता रहेगा।