नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए अब अपने दस्तावेज़, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन जैसे कामों के लिए भारतीय कंपनी जोहो का उपयोग करने का ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी आह्वान का पालन करते हुए भारतीय उत्पादों और सेवाओं को अपनाने की सलाह देते हैं।
जोहो, 1996 में श्रीधर वेम्बु और टोनी थॉमस द्वारा स्थापित एक भारतीय सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस कंपनी है। चेन्नई मुख्यालय वाली यह कंपनी 55 से अधिक क्लाउड-आधारित टूल्स और सेवाएं प्रदान करती है, जिनमें ईमेल, अकाउंटिंग, एचआर, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और ग्राहक संबंध प्रबंधन (सीआरएम) शामिल हैं। जोहो का प्लेटफॉर्म छोटे, मझोले और बड़े कॉर्पोरेट्स के लिए भी भरोसेमंद विकल्प माना जाता है और वर्तमान में 150 से अधिक देशों के 10 करोड़ से ज्यादा यूजर्स इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
जोहो वर्कप्लेस और ऑफिस सूट सीधे माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 365 और गूगल वर्कस्पेस को चुनौती देते हैं। इसके प्रमुख एप्स में जोहो राइटर, शीट, शो, मेल, नोटबुक, वर्कड्राइव, मीटिंग और कैलेंडर शामिल हैं। कंपनी का सबसे बड़ा लाभ इसकी डाटा प्राइवेसी है, जो विज्ञापन आधारित नहीं है और उपयोगकर्ता का डेटा सुरक्षित रखती है। इसके सब्सक्रिप्शन प्लान माइक्रोसॉफ्ट और गूगल की तुलना में सस्ते हैं, जो विशेषकर भारतीय छोटे और मझोले व्यवसायों के लिए किफायती हैं।
जोहो की खासियत यह भी है कि इसका एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण तमिलनाडु से संचालित होता है। संस्थापक श्रीधर वेम्बु ने ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर टेक्नोलॉजी क्षेत्र में रोजगार दिया है, जो ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘डिजिटल इंडिया’ के विजन से पूरी तरह मेल खाता है।