गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने बहुविवाह को रोकने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। नए बिल के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को सात वर्ष तक की कठोर जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है।
कैबिनेट बैठक के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधेयक में छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों के लिए कुछ अपवाद शामिल किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बहुविवाह से पीड़ित महिलाओं के लिए एक विशेष कोष बनाया जाएगा, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके और वे अपने जीवन को सामान्य रूप से आगे बढ़ा सकें।
सरमा ने कहा, “असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलिगैमी बिल, 2025 को 25 नवंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा। यदि कोई आरोपी बहुविवाह का दोषी पाया गया, तो उसे सात साल तक की जेल की सजा हो सकती है। साथ ही, पीड़ित महिलाओं को मुआवजा देने के लिए सरकार एक विशेष कोष बनाएगी।”
मूल निवासियों को हथियार लाइसेंस की पहली खेप फरवरी 2026 में मिलेगी
प्रेस वार्ता में ही मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि असम सरकार राज्य के संवेदनशील और दूरदराज़ क्षेत्रों में रहने वाले मूल निवासियों को हथियार लाइसेंस की पहली खेप फरवरी 2026 से जारी करेगी। उन्होंने बताया कि सरकार को इस संबंध में बड़ी संख्या में आवेदन मिले हैं, जिनकी फिलहाल जांच चल रही है।
सरमा ने कहा, “हम बेहद सावधानीपूर्वक प्रक्रिया अपनाएंगे और सभी आवेदकों को अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय चुनावी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि असम विधानसभा चुनाव अगले साल मार्च-अप्रैल में होने की संभावना है।”
इस कदम से न केवल बहुविवाह पर रोक लगेगी, बल्कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और संवेदनशील क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।